पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक अब्दुल कदीर खान पहुंचे SC, मौलिक अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया

By भाषा | Published: December 25, 2019 10:14 AM2019-12-25T10:14:39+5:302019-12-25T10:14:39+5:30

याचिका में कहा गया कि अब्दुल कदीर खान को सुरक्षा अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना कहीं भी जाने, देश के भीतर किसी सामाजिक या आकादमिक कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाती है।

Pak's Top Nuclear Scientist Abdul Qadeer Approaches SC Seeking Enforcement of His Fundamental Rights | पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक अब्दुल कदीर खान पहुंचे SC, मौलिक अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया

अब्दुल कादिर खान पाकिस्तान में परमाणु कार्यक्रम के जनक हैं.

Highlightsअब्दुल कदीर खान ने कहा कि वह पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक हैं सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों ने उनके बगल वाले घर में अड्डा जमा लिया है ताकि कोई उन तक न पहुंच सके-खान

पाकिस्तान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कदीर खान ने सुप्रीक कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने मौलिक अधिकारों को अमल में लाने देने का अनुरोध किया है। मीडिया में मंगलवार को आई खबरों के मुताबिक उन्होंने देश भर में स्वतंत्र रूप से आ-जा सकने समेत तमाम अन्य मौलिक अधिकारों को लागू करने की गुहार लगाई है। अधिवक्ता जुबैर अफजल राना ने खान की तरफ से सोमवार को यह याचिका दायर की।

यह लाहौर उच्च न्यायालय के 25 सितंबर, 2019 के फैसले के खिलाफ दायर की गई है जिसमें इसी तरह की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि खान की सुरक्षा को लेकर देश द्वारा उठाए गए विशेष सुरक्षा कदमों के मद्देनजर वह इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

‘डॉन न्यूज’ समाचारपत्र की खबर के मुताबिक खान ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्णय सुनाने का आग्रह किया है कि आवाजाही की स्वतंत्रता समेत तमाम अन्य मौलिक अधिकारों को महज किसी को पसंद या नापसंद करने और उचित प्रतिबंधों की आड़ लेकर घटाया या उन्हें देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

याचिकाकर्ता ने पूछा, “क्या सरकारी अधिकारियों को याचिकाकर्ता पर अपने प्रियजन, परिवार के सदस्यों, दोस्तों, पत्रकारों, विभिन्न कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, उच्च अधिकारियों और नौकरशाहों से मिलने पर रोक लगा कर संवैधानिक उपायों का उल्लंघन करने की इजाजत दी सकती है?”

याचिका में सवाल उठाया गया कि क्या लाहौर हाईकोर्ट की याचिकाकर्ता को अपनी समस्या के समाधान के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख करने की अकारण सलाह को न्यायसंगत ठहराया जा सकता है। खान ने कहा कि वह पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक हैं और शीर्ष में बैठे लोगों के अथक प्रयासों के चलते देश को परमाणु शक्ति बनाने में वह सफल हुए थे।

खान ने कहा कि जब से वह पाकिस्तान आए और परमाणु परियोजना पर काम करना शुरू किया तब से उन्हें उनके दर्जे के अनुकूल निजी सुरक्षा मिली लेकिन अब स्थिति यह है कि सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों ने उनके बगल वाले घर में अड्डा जमा लिया है ताकि कोई उन तक न पहुंच सके।

याचिका में कहा गया कि खान को सुरक्षा अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना कहीं भी जाने, देश के भीतर किसी सामाजिक या आकादमिक कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाती है। इसमें कहा गया कि यह स्थिति याचिकाकर्ता को असल में बंधक बना कर रखने जैसी है। खान ने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों की यह हरकत गैरकानूनी है क्योंकि मेरे साथ ऐसे व्यवहार के किसी आदेश की मुझे अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। 

Web Title: Pak's Top Nuclear Scientist Abdul Qadeer Approaches SC Seeking Enforcement of His Fundamental Rights

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