इस्लामाबाद: पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में रैली करने का न्योता दिया है। कुरैशी ने इस बयान का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ तौर से सुना जा सकता है कि वह कह रहे हैं, 'भारत को इमरान खान को श्रीनगर जाने की अनुमति देना चाहिए। इससे दुनिया को पता चल जाएगा कि किस नेता का कितना स्वागत कश्मीर में होता है।'
पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा, 'मैं भारत के प्रधानमंत्री को आखिरी पैगाम है। आज कश्मीर में आर्टिकल 370 के खात्मे का एक साल पूरा हो गया है। मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री के नाते आपको न्योता देता हूं कि अगर आपको अपनी नीतियों पर भरोसा है तो मुजफ्फराबाद में कश्मीरियों के सामने रैली करें और देख लें किस तरह से आपका स्वागत होता है। अगर आप में हौसला है तो आप इमरान खान को श्रीनगर जाने दें, और देख लें कि इमरान खान का कश्मीर में किस तरह से कश्मीर में स्वागत होता है। जनमत संग्रह जब होगा तब होगा लेकिन आवाम का जनमत संग्रह आज हो जाएगा। अगर हिम्मत है तो हमारी चुनौती को स्वीकार करो।'
पाकिस्तान विश्व मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाता रहेगा : इमरान खान
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर बुधवार को कहा कि उनका देश सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाना जारी रखेगा। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा को संबोधित करते हुए खान ने दावा किया कि विश्व के कई नेता यह तक नहीं जानते हैं कि कश्मीर में क्या चल रहा है। वह जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा पांच अगस्त 2019 को समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले के एक साल पूरा होने के मौके पर पीओके विधानसभा को संबोधित कर रहे थे। खान ने कहा कि उनकी सरकार की कोशिशों के चलते कश्मीर मुद्दा प्रमुखता से उठा और ‘‘अब विश्व इस पर गौर कर रहा है।’’
पाक प्रधानमंत्री ने इससे पहले यह स्वीकार किया था कि विश्व मंच पर कश्मीर मुद्दे पर उन्हें उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसका कारण पश्चिमी देशों के भारत में वाणिज्यिक हित हैं, जो एक बड़ा बाजार है। खान ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों सहित विश्व नेताओं को व्यक्तिगत रूप से कश्मीर के बारे में अवगत कराया है। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने और इस पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की नाकाम कोशिश की ।