2008 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को लेकर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का दरवाजा खटखटाया ताकि उसे महीने का खर्चा जारी किया जा सके। उसके इस अनुरोध को यूएनएससी ने स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान ने हाफिज के रोजमर्रा के खर्चों के लिए उसके खाते का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी।
बता दें, जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमलों के सरगना हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित है और उसके ऊपर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। उसे 17 जुलाई को आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के एक मामले में गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है।
हाफिज को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्ताव के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। सईद नीत जमात-उद-दावा को लश्कर का मुखौटा संगठन माना जाता है जो 2008 के मुंबई हमलों के लिये जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
इधर, 25 सितंबर को पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने से जुड़े मामले में हाफिज सईद की याचिका पर सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ को बदल दिया। सईद ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर कर रखी है।
न्यायमूर्ति नकवी की पीठ ने 27 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सईद और जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत के 67 अन्य नेताओं की याचिका पर पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिये कहा था। पीठ ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सईद और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से बताने के लिये सीटीडी के संबंधित अधिकारी को भी तलब किया था।
इस मामले में सुनवाई 25 सितंबर को होने वाली थी, लेकिन पीठ बदल दी गई। याचिकाकर्ताओं के वकील ए के दोगर ने पिछली सुनवाई में कहा था कि सईद का अलकायदा या अन्य किसी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा था, "सईद का लश्कर-ए-तैयबा से भी कोई संबंध नहीं है।"(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)