लाहौर:पाकिस्तान की अदालत ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने से एक बार की छूट दे दी। हमजा शहबाज पंजाब के मुख्यमंत्री हैं।
लाहौर की कोर्ट ने यह आदेश मंगलवार को उस मामले में दिया, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को आशियाना-ए-इकबाल हाउसिंग स्कीम भ्रष्टाचार मामले में पेश होना था।
इस केस में शहबाज शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने बतौर पंजाब का सीएम रहते हुए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। जिस कारण सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
पेशी से छूट के लिए शहबाज शरीफ ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट के गुजारिश की कि उन्हें पेश होने से छूट दी जाए क्योंकि वह "विभिन्न आधिकारिक मामलों के सिलसिले में इस्लामाबाद में व्यस्त हैं और इस कारण कोर्ट में नहीं आ सकते हैं।
वहीं ठीक इसी तरह पीएम शहबाज के बेटे हमजा ने भी रमजान चीनी मिल भ्रष्टाचार मामले में इसी तरह अदालत से गुहार लगाी कि चूंकि वो पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं और महत्वपूर्ण मामलों में व्यस्त हैं। इसलिए उन्हें भी पेशी से छूट दी जाए।
इस मामले में पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' ने बताया, दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए अलग-अलग मामलों में पेशी से छूट के लिए कोर्ट से राहत मांगी।
जिसके बाद लाहौर कोर्ट ने दोनों नेताओं के अलग-अलग अपील को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 16 जुलाई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। जानकारी के मुताबिक चीनी मिल भ्रष्टाचार मामले में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पहले से ही पेशी से स्थायी छूट मिल चुकी है।
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के 14 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शहबाज की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की पुष्टि एक स्पेशल कोर्ट पहले ही कर चुकी है।
वहीं सत्ता से बेदखल हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मामले में आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा कि आखिर कैसे शहबाज शरीफ और उनके बेटे जैसे संदिग्धों को, जो अरबों के मनी लांड्रिंग मामले में वांछित हैं, कोर्ट किस तरह से पेशी से छूट दे सकती है।
इमरान खान ने हाल ही में एक रैली में कहा, "शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री के पद पर नहीं बल्कि मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में होना चाहिए था।"
मालूम हो कि साल 2019 में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शरीफ के खिलाफ एक सरकारी खजाने के 213 मिलियन रुपये की कथित धोखाधड़ी और बेईमानी के मामले में केस दर्ज किया था।
एनएबी के अनुसार, शहबाज शरीफ ने पंजाब के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मुख्य रूप से अपने बेटों के स्वामित्व वाली चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए चिनियट जिले में एक नाले के निर्माण के लिए आदेश जारी किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ व्हिसल ब्लोअर्स ने नाले के निर्माण के दौरान कई ऐसे सबूत पेश किये थे, जिनसे धोखाधड़ी के दावों की पुष्टि होती है।
वहीं आशियाना हाउसिंग स्कीम मामले में शहबाज शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए पंजाब भूमि विकास कंपनी (पीएलडीसी) के लिए अवैध रूप से जमीनों का अधिग्रहण किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को 660 मिलियन रुपये का नुकसान हुआ और लगभग 61,000 आवेदकों को घर से वंचित होना पड़ा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)