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पाकिस्तान की मुश्किल और बढ़ी, पास बची है बस तीन हफ्ते के आयात के लिए विदेशी मुद्रा

By विनीत कुमार | Updated: February 3, 2023 16:10 IST

पाकिस्तान के पास अब केवल तीन हफ्ते का विदेशी मुद्रा भंडार रह गया है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर लुढ़क गया है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर।आर्थिक मामलों के जानकारों के अनुसार पाकिस्तान के पास आयात के लिए केवल तीन हफ्ते का पैसा बचा है।दूसरी ओर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संकेत दिया है कि बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान आईएमएफ की कठिन शर्तें मानने के लिए तैयार हो जाएगा।

कराची: पाकिस्तान एक और आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसकी हालत और खराब होती जा रही है। सामने आई जानकारी के अनुसार गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर लुढ़क गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक एसबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष के अंत में उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3.09 अरब डॉलर पर आ गया।

विदेशी कर्ज भुगतान की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में 59.2 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा कि इस समय देश में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर है। इसमें से 5.65 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा है।

आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि यह विदेशी मुद्रा पाकिस्तान की सिर्फ तीन हफ्तों की आयात जरूरतों को ही पूरा कर सकता है। निवेश फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड के एक विश्लेषक ने कहा कि यह फरवरी, 2014 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे निचला स्तर है। पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा विनिमय दर पर लगी सीमा हटा दी थी। इस समय पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करीब 270 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है।

'आईएमएफ की शर्तें कल्पना से परे'

पाकिस्तान पर छाए आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को आईएमएफ की शर्तें कल्पना से भी परे हैं लेकिन बेलआउट शर्तों पर सहमत होना होगा।

शरीफ ने संकेत किया कि आईएमएफ की शर्तें बेहद कठिन होने वाली हैं और पाकिस्तान इसके बावजूद इसे मानने के लिए तैयार हो जाएगा। शरीफ ने कहा, 'मैं डिटेल में नहीं जाऊंगा, लेकिन केवल इतना कहूंगा कि हमारी आर्थिक चुनौती अकल्पनीय है। आईएमएफ के साथ हमें जिन शर्तों पर सहमत होना होगा, वे कल्पना से परे हैं। लेकिन हमें शर्तों से सहमत होना होगा।'

टॅग्स :पाकिस्तानइकॉनोमीInternational Monetary Fund
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