पाकिस्तानी अवाम ने आतंकवाद और हाफिज सईद को नकारा, यूं सिखाया सबक
By भाषा | Published: July 29, 2018 01:35 PM2018-07-29T13:35:36+5:302018-07-29T13:35:36+5:30
Pakistan General Elections Results 2018: पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए अंतिम नतीजों के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आम चुनावों में 116 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
इस्लामाबाद, 29 जुलाई: पाकिस्तानी मतदाताओं ने हाल में हुए देश के आम चुनाव में मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समर्थित अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक सहित सभी चरमपंथी एवं प्रतिबंधित समूहों को सिरे से नकार दिया है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने आज आम चुनाव के अंतिम नतीजे घोषित कर दिए जिनके अनुसार अल्लाह-ओ-अकबर पार्टी के सारे उम्मीदवार चुनाव हार गए।
चुनाव नतीजों से पता चलता है कि पार्टी के उम्मीदवारों को कुल मिलाकर महज 1,71,441 वोट मिले जबकि देश में 10 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत मतदाता हैं और चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ यानि पांच करोड़ से ज्यादा वोट डाले गए। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 270 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 116 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।
एक और चरमपंथी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने नेशनल एसेंबली की 150 और प्रांतीय सभाओं की 100 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। उसके उम्मीदवारों को 21,91,679 वोट मिले। हालांकि उसके दो उम्मीदवार सिंध की प्रांतीय सभा में निर्वाचित होने में सफल रहे।
धार्मिक नेताओं को जनता ने नहीं किया पसंद
नरमपंथी इस्लाम का प्रचार कर रहे दलों ने मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमाल पाकिस्तान (एमएमएपी) के तत्वाधान में चुनाव लड़ा था। उन्हें नेशनल असेंबली में कुल 13 सीटें मिलीं और 25,30,452 वोट मिले। कुल वोटों के लिहाज से एमएमएपी पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी है जबकि टीएलपी छठे स्थान पर रही।
चुनाव आयोग के नतीजे के अनुसार जमायत उलेमा-ए-इस्लाम सामी (जेयूआई-एस) को महज 24,559 वोट मिले। चुनाव लड़ने वाले दूसरे धार्मिक दलों का प्रदर्शन खराब रहा। चुनाव आयोग ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक इस्लाम को 68,022, मजलिस-ए-वहदात-ए-मुस्लिमीन पाकिस्तान को 9,606, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल को 5,939 वोट मिले।
चरमपंथियों से सीधे सीधे जुड़े सैकड़ों लोगों के चुनाव प्रचार करने को लेकर पाकिस्तान को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया, मानवाधिकार समूहों एवं नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान के मतदाताओं ने चरमपंथी या प्रतिबंधित समूहों से जुड़े उम्मीदवारों को खारिज करते हुए मुख्यधारा की राजनीति का हिस्सा बनने की उनकी कोशिशें नाकाम कर दीं।
इमरान खान की पार्टी की जीत
पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए अंतिम नतीजों के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आम चुनावों में 116 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नेशनल असेंबली की कुल 270 सीटों पर चुनाव हुए थे। बीते 25 जुलाई को हुए मतदान के बाद वोटों की धीमी गिनती और चुनावों में धांधली के आरोपों के बीच आयोग ने अंतिम नतीजों का ऐलान किया। चुनाव आयोग को वोटों की गिनती कराने में दो दिन से ज्यादा का वक्त लग गया।
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के अनुसार, संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनावों में पीटीआई ने 116 सीटें जीतकर अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है।
भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 64 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर जबकि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटों के साथ तीसरे पायदान पर है।
मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमएपी) 13 सीटों के साथ चौथे स्थान पर रही। 13 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है, जिनकी भूमिका अहम होगी क्योंकि पीटीआई को केंद्र में सरकार बनाने के लिए उनके समर्थन की जरूरत होगी।
16,857,035 वोटों के साथ पीटीआई पहले, 12,894,225 वोटों के साथ पीएमएल-एन दूसरे और 6,894,296 वोटों के साथ पीपीपी तीसरे पायदान पर है। चुनाव आयोग ने कहा कि वोटरों की ओर से डाले गए कुल वोटों के लिहाज से निर्दलीय उम्मीदवार चौथे सबसे बड़े समूह के तौर पर उभरे हैं और उन्हें कुल 6,011,297 वोट मिले हैं।
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