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'काबुल में पाक दूतावास पर हमला सिर्फ एक नाटक था', इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत के पूर्व सदस्य ने किया खुलासा

By शिवेंद्र कुमार राय | Updated: March 17, 2023 17:33 IST

साल 2022 के दिसंबर महीने में आईएसकेपी ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पर हमला किया था। इस हमले के बारे में शेख अब्दुल रहीम ने कहा कि काबुल में पाक दूतावास पर हमला सिर्फ एक नाटक था।

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ठळक मुद्देआईएसकेपी के पूर्व सदस्य ने खोली पाकिस्तान की पोलकहा- काबुल में पाक दूतावास पर हमला सिर्फ एक नाटक थाकहा- आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराता है पाकिस्तान

नई दिल्ली: इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के  पूर्व संस्थापक सदस्य शेख अब्दुल रहीम मुस्लिमदोस्त ने एक साक्षात्कार में पाकिस्तान के संबंध में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। तालिबान समर्थक अल-मरसाद मीडिया के साथ नवीनतम साक्षात्कार में शेख अब्दुल रहीम ने बताया है कि आईएसकेपी ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के केंद्र सीरिया और इराक से धन प्राप्त किया है।

शेख अब्दुल रहीम मुस्लिमदोस्त ने बताया कि  शुरुआत में 2015 में लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसकेपी को 50 लाख पाकिस्तानी रुपये की राशि मुहैया कराई थी। अपनी फंडिंग के अन्य स्रोत का हवाला देते हुए मुस्लिमदोस्त ने बताया कि इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत की आय का अन्य बड़ा साधन अपहरण के माध्यम से जबरन वसूली था।

साक्षात्कार में  शेख अब्दुल रहीम ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया। साल 2022 के दिसंबर महीने में आईएसकेपी ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पर हमला किया था। इस हमले के बारे में शेख अब्दुल रहीम ने कहा कि काबुल में पाक दूतावास पर हमला सिर्फ एक नाटक था। राजदूत को कुछ नहीं हुआ। बस एक अंगरक्षक घायल हो गया। दरअसल इस हमले से पाकिस्तान दुनिया को दिखाना चाहता था कि इस्लामिक स्टेट - खुरासान प्रांत से उसकी दुश्मनी है। 

तालिबान के सामने आत्मसमर्पण करने वाले शेख अब्दुल रहीम मुस्लिमदोस्त ने स्पष्ट किया है कि वह पहले अफगान नहीं थे जिन्होंने 2014 के अंत में इस्लामिक स्टेट समूह के प्रति निष्ठा की कसम खाई थी। शेख अब्दुल रहीम के अनुसार मदीना में इस्लामिक अध्ययन से स्नातक करने वाले हेलमंड के मौलाना इदरिस पहले अफगान थे जिन्होंने इस्लामिक स्टेट का हाथ थामा था। 

आतंकियों को पनाह देने और आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करने के आरोप पाकिस्तान पर पहले भी लगते रहे हैं। अब शेख अब्दुल रहीम मुस्लिमदोस्त के बयान से ये भी साफ हो गया है कि पाकिस्तान न केवल देश के अंदर के आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराता है बल्कि इस्लामिक स्टेट जैसे खतरनाक संगठनों के साथ भी उसकी दोस्ती है।

टॅग्स :पाकिस्तानटेरर फंडिंगतालिबानआईएसआईएस
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