लाइव न्यूज़ :

विश्वविद्यालयों में प्रत्येक 10 में से एक छात्र किसी अन्य द्वारा लिखा गया असाइनमेंट जमा करता है

By भाषा | Updated: August 31, 2021 17:14 IST

Open in App

(गुइ कर्टिस, द यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया) पर्थ, 31 अगस्त (कन्वरसेशन) विश्वविद्यालयों में नकल के सबसे खराब स्वरूप को पकड़ना सबसे मुश्किल काम भी है तथा पूर्व के विचार के विपरीत अधिक छात्र इस तरह की नकल करते हैं। हाल तक, यह माना जाता था कि ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालयों के लगभग 2-4% प्रतिशत छात्र-छात्रा किसी अन्य के द्वारा लिखा गया असाइनमेंट जमा करते हैं। हमारे नए अध्ययन में पता चला है कि असल आंकड़ा लगभग 8-11% प्रतिशत है। इसके साथ ही इस तरह की नकल करनेवाले 95% छात्र-छात्रा पकड़ में भी नहीं आते हैं। विश्वविद्यालयों में निबंध और रिपोर्ट जैसे असाइनमेंट से छात्र अपने द्वारा अर्जित ज्ञान का प्रदर्शन करने के साथ ही यह भी दिखाते हैं कि उन्हें अभी क्या सीखना है। यदि कोई अन्य व्यक्ति असाइनमेंट लिखता है तो इसका मतलब है कि छात्रों को वह जानकारी नहीं है जो उन्हें होनी चाहिए। परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं। क्या आप किसी ऐसी नर्स से इंजेक्शन लगवाना चाहेंगे जिसका दवा की खुराकों को मापने संबंधी असाइनमेंट किसी और ने लिखा हो?जब छात्र अपना असाइनमेंट किसी अन्य से लिखवाने की व्यवस्था करते हैं तो हम उसे ‘‘कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग’’ कहते हैं। सुर्खियों में रहे माईमास्टर स्कैंडल जैसे कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग के मामलों में हजारों छात्र-छात्रा शामिल रहे हैं। लेकिन यह छात्रों में से 0.2% से भी कम था, यहां तक कि सर्वाधिक प्रभावित विश्वविद्यालयों में भी। सर्वेक्षणों में इस (2-4%) के मुकाबले कम से कम दस गुना अधिक छात्र-छात्राओं ने कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग करने की बात स्वीकार करते हैं। मनोविज्ञान अध्ययन हालांकि दिखाता है कि जब लोग पूरी तरह अज्ञात सर्वेक्षण में शामिल होते हैं तो उनमें उपयुक्त व्यवहार देखने को नहीं मिलता। इसकी वजह से, हमने अपने ऑस्ट्रेलिया अध्ययन में ऐसी विधियों का इस्तेमाल किया जो अज्ञात सर्वेक्षणों पर पूरी तरह विश्वास नहीं करतीं। आप छात्रों से नकल की बात कैसे स्वीकार कराएंगे? इन समस्याओं पर पार पाने वाली एक विधि का इस्तेमाल करते हुए एक यूएस अध्ययन में पाया गया कि पूर्व के विचार के विपरीत विश्वविद्यालयों के तीन गुना अधिक शोधार्थियों ने तब डेटा में गड़बड़ी करने की बात स्वीकार की जब उनसे कहा गया कि सच बताने पर प्रोत्साहन मिलेगा। हमारे अध्ययन में छात्रों ने अन्य छात्रों की संख्या के बारे में अनुमान लगाया जिन्होंने कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग की और इस बारे में भी अनुमान व्यक्त किया कि नकल करने वालों में से कितने लोग इस बात को स्वीकार करेंगे। इसके अतिरिक्त यह पता लगाने के लिए कि कितने अन्य छात्र नकल करते हैं और कितने इसे स्वीकार करेंगे, हमने सर्वेक्षण में शामिल आधे छात्र-छात्राओं को सच बोलने के लिए प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई। हमने सर्वेक्षण में शामिल प्रत्येक छात्र के लिए चैरिटी के तहत धन दान किया। सर्वेक्षण में शामिल होने से पहले विद्यार्थियों ने अपनी वरीयता चैरिटी का चयन किया। तब हमने इनमें से आधे छात्रों से कहा कि यदि उनके उत्तर अधिक सत्य प्रतीत हुए तो उन्हें और अधिक धन दिया जाएगा। हमने अपना सर्वेक्षण छह विश्वविद्यालयों और प्रबंधन जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने वाले छह स्वतंत्र उच्च शिक्षा प्रदाताओं के छात्र-छात्राओं में वितरित किया। कुल मिलाकर, 4,098 विद्यार्थियों ने हमारा सर्वेक्षण पूरा किया।हमने दो तरह की कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग पर ध्यान दिया: असाइनमेंट जमा करने के लिए छात्र ने किसी अन्य को पहले से लिखे गए असाइनमेंट संग्रह को डाउनलोड कर असाइनमेंट लिखने के लिए भुगतान किया। जब सत्य बोलने के लिए प्रोत्साहन राशि दी गई तो ढाई गुना अधिक विद्यार्थियों ने असाइनमेंट खरदीकर जमा करने की बात स्वीकार की। हमने सर्वेक्षण में सामने आईं चीजों के आधार पर अनुमान लगाया कि आठ प्रतशत छात्रों ने अपने लिए असाइनमेंट लिखवाने के वास्ते किसी अन्य को धन प्रदान किया और 11 प्रतिशत ने पहले से लिखे गए असाइनमेंट को इंटरनेट से डाउनलोड कर इसे अपने असाइनमेंट के रूप में जमा करने की बात स्वीकार की। इसके बाद, हमने इस विषय पर ध्यान दिया कि क्या किसी खास श्रेणी के छात्रों ने अन्य के मुकाबले नकल करने की बात अधिक स्वीकार की है। इसमें पता चला कि कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग की बात स्वीकार करने वालों में से अधिकतर छात्र ऐसे हैं जिनकी प्रथम भाषा अंग्रेजी नहीं है। प्रथम भाषा के रूप में जिन छात्रों की भाषा अंग्रेजी है, उनके मुकाबले ऐसे तीन गुना अधिक छात्रों ने कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग की बात स्वीकार की जिनके लिए अंग्रेजी द्वितीय भाषा है। इस नकल के बारे में क्या किए जाने की आवश्यकता है? पूर्व के अध्ययनों में भी यह पता चला है कि जिन छात्रों की प्रथम भाषा अंग्रेजी नहीं है, उन्होंने किसी अन्य से कॉन्ट्रैक्ट चीटिंग की बात अधिक स्वीकार की है। उच्च शिक्षा प्रदाताओं को आवश्यकता है कि वे अपने छात्रों के लिए अंग्रेजी क्षमता मानक सुनिश्चित करें। उन्हें उन छात्रों को अतिरिक्त भाषा सहायता उपलब्ध कराने की भी जरूरत है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटAus vs ENG: इंग्लैंड 334 रन पर आउट, रूट 138 रन बनाकर रहे नाबाद

विश्व124 साल के इतिहास में पहली बार, 62 साल के ऑस्ट्रेलिया पीएम एंथनी अल्बनीस ने 46 वर्षीय जोडी हेडन से किया विवाह

भारतजापान के युशी तनाका को 21-15, 21-11 से हराकर लक्ष्य सेन चैंपियन, 475,000 डॉलर इनामी ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर 500 बैडमिंटन पर किया कब्जा

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

क्रिकेटIND vs AUS Highlights: भारत ने चौथे टी20 में मारी बाजी, ऑस्ट्रेलिया को 48 रनों से हराया

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका