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ईरान: सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए एक को फांसी, पांच को 10 साल का कारावास, हिजाब प्रोटेस्ट पर पहली सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 14, 2022 08:33 IST

बताया जा रहा है कि ईरानी पुलिस की हिरासत में 16 सितंबर को 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। ऐसे में महिलाओं के लिए ईरान में सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने पर अमीनी को हिरासत में लिया गया था।

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ठळक मुद्देईरान ने हिजाब बैन 'दंगों' को लेकर पहली बार किसी को सजा सुनाई है। ऐसे में एक को फांसी और पांच अन्य को 10 साल की सजा सुनाई है। इस बात की पुष्टी न्यायपालिका से संबंधित समाचार वेबसाइट मिजान ने की है।

तेहरान:ईरान की रिवोल्यूशनरी अदालत ने देश में लगातार जारी अशांति के बीच एक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी को मृत्युदंड और पांच अन्य लोगों को कारावास की सजा सुनाई है। सरकारी मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी है। 

आपको बता दें कि देश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जारी मुकदमों में संभवत: पहली बार मौत की सजा दी गई है। 

सरकारी भवन को आग लगाने में सुनाई गई मौत की सजा

ईरान की न्यायपालिका से संबंधित समाचार वेबसाइट मिजान ने बताया कि प्रदर्शनकारी को एक सरकारी भवन में आग लगाने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई तथा पांच अन्य लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में पांच से 10 साल की सजा दी गई। 

यहां से शुरू हुआ था सरकार विरोधी प्रदर्शन

गौरतलब है कि ईरानी पुलिस की हिरासत में 16 सितंबर को 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। महिलाओं के लिए ईरान में सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने पर अमीनी को हिरासत में लिया गया था। 

शुरुआत में विरोध प्रदर्शन ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता पर केंद्रित थे, लेकिन बाद में प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता गया और ये 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्तारूढ़ शासकों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक में बदल गए हैं। 

ईरान को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग करने जा रहा है विशेष सत्र का आयोजन

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ईरान में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई, पत्रकारों को धमकियां और मानवाधिकार उल्लंघन के अन्य मामलों के मद्देनजर विशेष सत्र आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए आयोग जर्मनी और आइसलैंड के राजनियक अनुरोध पर 24 नवंबर को यह सत्र आयोजित किया जा सकता है। 

जर्मनी ने इससे पहले आयोग को एक पत्र भेजा था, जिसमें “ईरान में विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के संदर्भ में बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति से निपटने” के लिए विशेष सत्र आयोजित करने का अनुरोध किया गया था। 

सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन के कई मामले आए सामने 

आयोग के 47 सदस्यों में से कम से कम एक तिहाई ने इस अनुरोध का समर्थन किया है। आपको बता दें कि ईरान में 16 सितंबर को धर्माचार पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे। 

इस दौरान ईरान में कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन के कई मामले सामने आए हैं। ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ नामक निगरानी समूह के अनुसार ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 328 लोगों की मौत हो चुकी है और 14,825 अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

टॅग्स :ईरानकोर्टPolice
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