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अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाने के लिए उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने कहा, "हम और भी तेजी से हथियारों का निर्माण करेंगे"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 11, 2022 21:22 IST

उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सैन्य सुरक्षा निगरानी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तरी कोरिया को अपनी सुरक्षा के लिए अभेद्य सुरक्षा वातावरण तैयार करना होगा और इसके लिए वो हथियारों के निर्माण तेजी लाएगा।

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ठळक मुद्देउत्तरी कोरिया आने वाले वक्त में संभावित तौर पर परमाणु परीक्षण विस्फोट भी कर सकता हैउत्तर कोरिया अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए लगातार मिसाइल परीक्षणों को अंजाम दे रहा हैकिम ने कहा कि उत्तरी कोरिया अपनी सार्वभौमिकता की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार है

सियोल:अमेरिका और दक्षिण कोरिया के फाइटर प्लेन के संयुक्त गश्त के बाद उत्तर कोरिया ने अपने सामरिक क्षमता के विकास के प्रयास और तेज कर दिये हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग उन ने सैन्य प्रशासन को हथियारों का निर्माण दोगुना करने का आदेश दिया है। 

किम ने दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सैन्य सुरक्षा निगरानी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तरी कोरिया को अपनी सुरक्षा के लिए अभेद्य सुरक्षा वातावरण तैयार करना होगा और इसके लिए वो हथियारों के निर्माण तेजी लाएगा। किम की इस बात को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तरी कोरिया आने वाले वक्त में संभावित परमाणु परीक्षण विस्फोट भी कर सकता है।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने यह बातें तीन दिवसीय एक प्रमुख राजनीतिक सम्मेलन में कही। समाचार एजेंसी 'एपी' के मुताबिक किम ने इस मामले में शुक्रवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि कहा उत्तरी कोरिया अपनी सार्वभौमिकता की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार है लेकिन अपने संबोधन में अमेरिका या प्रमुख विरोधी देश दक्षिण कोरिया के बारे में सीधे कोई टिप्पणी नहीं की।

उत्तर कोरिया के कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने इस मामले में बताया कि किम ने उत्तर कोरिया के आत्मरक्षा और संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए हथियारों के विकास का समर्थन करते हुए कहा कि हमें अपने बचाव के लिए अपने सशस्त्र बलों और सैन्य वैज्ञानिकों के जरिए रक्षा अनुसंधान में आगे बढ़ेगी और देश की रक्षा के आवश्यक कदम उठायेगी।

वहीं अमेरिका द्वारा उत्तरी कोरिया को परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकार करने और आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने और सुरक्षा रियायतों पर बातचीत के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षणों को अंजाम दे रहा है। उत्तर कोरिया ने बीते कुछ वर्षों से घातक हथियारों के परीक्षण और कूटनीतिक बातचीत में महारत हासिल की है और इसी का नतीजा है कि उसने अमेरिका को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।

माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ संबंधों के सुधारने के लिए विदेश नीति में बदलाव के भी संकेत दिये और यही कारण है कि किम ने बैठक के दौरान नए विदेश मंत्री के रूप में अमेरिकी मामलों को संभालने में गहरे अनुभव वाले एक अनुभवी राजनयिक को बढ़ावा दिया।

किम की बहन चो सुन हुई, जो उत्तर कोरिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से हैं। उन्होंने किम जोंग उन के साथ साल 2018 और साल 2019 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हुई बैठकों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। लेकिन उस बातचीत का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला और प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच दो दौर की वार्ता पटरी से उतर गई।

फरवरी 2019 में ट्रम्प के साथ किम की दूसरी बैठक इसलिए असफल रही क्योंकि अमेरिका ने अस्त्र निरस्त्रीकरण के बदले उत्तरी कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को उठाने की मांग को खारिज कर दिया था। उत्तर कोरिया चाहता है कि सैन्य दबाव के बल पर वो अमेरिका से अपनी शर्तों को मंजूर करवा ले लेकिन वाशिंगटन उत्तर कोरिया से कई बार कह चुका है कि जब तक वो अस्त्र निरस्त्रीकरण को नहीं मानता है, उनके बीच किसी भी तरह की वार्ता संभव नहीं है।

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