उत्तर कोरिया ने वार्ता की पेशकश की, संभवत: प्रतिबंधों से राहत पाने के प्रयास में

By भाषा | Updated: September 24, 2021 19:41 IST2021-09-24T19:41:59+5:302021-09-24T19:41:59+5:30

North Korea offers talks, possibly in an effort to get relief from sanctions | उत्तर कोरिया ने वार्ता की पेशकश की, संभवत: प्रतिबंधों से राहत पाने के प्रयास में

उत्तर कोरिया ने वार्ता की पेशकश की, संभवत: प्रतिबंधों से राहत पाने के प्रयास में

सियोल, 24 सितंबर (एपी) उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की प्रभावशाली बहन ने शुक्रवार को कहा कि अगर शर्तें पूरी होती हैं तो उनका देश दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार है। यह कदम उसकी मंशा दर्शाता है कि वाशिंगटन को आर्थिक प्रतिबंधों में रियायत देने के लिए सियोल उसे राजी करे।

किम यो जोंग का यह बयान तब आया है जब कुछ दिनों पहले उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध के बीच छह महीने में पहला मिसाइल परीक्षण किया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस परीक्षण का मकसद यह दिखाना था कि परमाणु कूटनीति के बाधित रहने और अमेरिका के नेतृत्व में प्रतिबंध बरकरार रहने की सूरत में वह अपने हथियारों का जखीरा बढ़ाता रहेगा।

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेइ-इन ने इस सप्ताह 1950-53 के कोरियाई युद्ध की समाप्ति की घोषणा के लिए नए सिरे से आह्वान किया था, जिसके जवाब में किम यो जोंग ने शुक्रवार को ये टिप्पणियां की। किम यो जोंग को उत्तर कोरिया की राजनीति में प्रभावशाली शख्सियत के तौर पर जाना जाता है।

सरकारी मीडिया में जारी किम यो जोंग के बयान के मुताबिक, “जबरन मुस्कुराते हुए, युद्ध की समाप्ति की घोषणा को पढ़ना, और तस्वीरें लेना किसी के लिए आवश्यक हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि मौजूदा असमानता, गंभीर विरोधाभास और शत्रुता को देखते हुए, ये काफी नहीं हैं और कुछ भी नहीं बदलेगा।”

उन्होंने कहा कि अगर सियोल शत्रुतापूर्ण नीतियों और दोहरे मानदंडों के साथ उसे (उत्तर कोरिया को) उकसाना छोड़ देता है तो संबंधों में फिर से सुधार के लिए उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया के साथ “रचनात्मक” वार्ता के लिये तैयार है ।

दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा कि वह किम यो जोंग के बयान की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रहा है। उसने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ अपने संबंधों को बहाल करने के लिये दक्षिण कोरिया प्रयास जारी रखेगा।

दक्षिण कोरिया में कोरिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नाम सुंग-वूक ने कहा कि उत्तर कोरिया सियोल पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए बातचीत की व्यवस्था करने के लिए अप्रत्यक्ष दबाव डाल रहा है क्योंकि यह युद्ध की समाप्ति की घोषणा के लिए जोर देता है।

नाम ने कहा, “यह ऐसा है जैसे उत्तर कोरिया कह रहा है कि यदि प्रतिबंधों को हटाने पर भी चर्चा की जा सकती है तो वह युद्ध की समाप्ति की घोषणा पर बातचीत का स्वागत करेगा।”

उत्तर कोरिया द्वारा 2016-17 में परमाणु और मिसाइल परीक्षणों के बाद अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों को सख्त कर दिया गया है, और किम जोंग उन ने कहा है कि प्रतिबंध, कोरोनावायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाएं उत्तर कोरिया में “सबसे विकट” संकट पैदा कर रही हैं।

इस साल की शुरुआत में, उन्होंने प्रतिबंधों के संभावित संदर्भ में चेतावनी दी थी कि अमेरिका अगर उत्तर कोरिया के प्रति अपनी “शत्रुतापूर्ण नीति” को छोड़ने से इनकार करता है, तो वह देश के परमाणु शस्त्रागार को बढ़ा देंगे।

गौरतलब है कि कोरियाई युद्ध एक युद्ध विराम के साथ खत्म हुआ था न कि कोई शांति संधि हुई थी जिससे यह प्रायद्वीप तकनीकी रूप से युद्ध की स्थिति में है। उत्तर कोरिया इस युद्ध को औपचारिक रूप से खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ शांति संधि पर समझौता करना चाहता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शांति संधि से उत्तर कोरिया अमेरिका से यह मांग कर सकता है कि वह दक्षिण कोरिया में अपने 28,500 सैनिकों को वापस बुलाए और प्रतिबंध हटाए।

दोनों कोरियाई देशों ने 2018 में अमेरिका के साथ शुरू हुई कूटनीति की अवधि के दौरान युद्ध के अंत की घोषणा और एक शांति संधि का आह्वान किया था। ऐसी अटकलें थीं कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प किम जोंग को परमाणु निरस्त्रीकरकण के लिये प्रतिबद्ध बनाने के उद्देश्य से 2019 की शुरुआत में युद्ध की समाप्ति की घोषणा कर सकते थे।

ऐसी कोई घोषणा हालांकि नहीं की गई क्योंकि ट्रम्प द्वारा सीमित परमाणु निरस्त्रीकरण के कदमों के बदले कड़े प्रतिबंधों को उठाने की किम जोंग उन की मांग को मानने से इनकार कर दिया गया था जिसके बाद वार्ता में गतिरोध आ गया।

वार्ता के लिए किम यो जोंग की पेशकश उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ राजनयिक द्वारा शुक्रवार को पहले जारी किए गए एक बयान के विपरीत थी कि युद्ध के अंत की घोषणा शत्रुतापूर्ण अमेरिकी नीतियों को छिपाने के लिये एक “छलावा” हो सकती है।

पहले वाला बयान अमेरिका को निशाना बनाता हुआ प्रतीत होता है, जबकि बाद में सियोल के साथ उत्तर कोरिया के संबंधों की प्रभारी किम यो जोंग का बयान दक्षिण कोरिया पर अधिक केंद्रित है। दोनों बयानों में संकेत है कि सियोल और वाशिंगटन अगर परमाणु कूटनीति को फिर से शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें पहले कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधों को हटाना चाहिए।

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Web Title: North Korea offers talks, possibly in an effort to get relief from sanctions

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