नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण जी20 सदस्य देशों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन सकी। गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जी20 सदस्य देशों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पाई। भारतीय विदेश मंत्री की यह टिप्पणी जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद आई। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी20 बैठक में सभी सदस्य देशों और 13 अतिथि देशों की भागीदारी देखी गई।
एस जयशंकर ने कहा, यह जी20 प्रेसीडेंसी द्वारा आयोजित जी20 विदेश मंत्रियों की सबसे बड़ी सभा थी। भविष्य के युद्धों और आतंकवाद को रोकने के मामले में बहुपक्षवाद आज संकट में है। जी20 सदस्य देशों के बीच आम सहमति की कमी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, अधिकारियों ने बातचीत की, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे मुद्दे थे जिन पर सदस्यों ने सहमति जताई, जैसे बहुपक्षवाद, लैंगिक मुद्दे, आतंकवाद का मुकाबला, नशीले पदार्थों का विरोध।
इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा है कि ग्लोबल साउथ को आवाज देना महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया इन देशों को वास्तव में अस्थिर ऋण और ग्लोबल वार्मिंग के मामले में पिछड़ते हुए देख रही थी। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ये बैठकें भू-राजनीतिक तनावों से प्रभावित थीं। पीएम ने आग्रह किया कि जो लोग कमरे में नहीं थे, उनके लिए हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि पीएम ने आग्रह किया कि हम सभी को भारत की सभ्यता के लोकाचार से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, G20 बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दों की चुनौतियों पर चर्चा हुई और पीएम मोदी ने हमें यह महसूस करने की सलाह दी कि "हमें क्या एकजुट करता है और क्या हमें विभाजित करता है।