न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों पर हमला करने से पहले आतंकी ने 16,500 शब्दों का सनसनीखेज मैनिफेस्टो लिखा था। इस मैनिफेस्टो में उसने हजारों यूरोपीय नागरिकों की आतंकी हमलों में गई जान का बदला लेने के साथ श्वेत वर्चस्व को कायम करने की बात की है। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना हीरो बताया है। आतंकी ब्रिटिश मूल का 28 वर्षीय युवक ब्रेंटन टैरेंट है जो ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है।
न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों पर हमलों के बाद दुनियाभर में डर, गुस्सा और दुख का माहौल बन गया है। शुक्रवार को इस हमले में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गयी। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंड्रा एर्डर्न ने इसे अपने देश के इतिहास का सबसे काला दिन करार देते हुए कहा, ‘‘यह साफ है कि इसे अब केवल आतंकी हमला कहा जा सकता है।’’ आतंकी ने इस जानलेवा हमले का वीडियो प्रसारित किया जिसके बाद इस तरह के हमलों की आशंका के साथ डर और गुस्सा पैदा हो गया है।
आतंकी ने अपने मैनिफेस्टो 'द ग्रेट रिप्लेसमेंट' में डोनाल्ड ट्रंप को श्वेत वर्चस्व का प्रतीक माना है। इस हमले की वजह का उल्लेख करते हुए लिखा कि ये भूमि श्वेतों की है। वो हमसे कभी जीत नहीं पाएंगे। आतंकी ने तीन महीने पहले ही अल नूर मस्जिद में हमले की योजना बनाई थी। आतंकी चाहता था कि वो इस हमले से बचकर निकल जाए ताकि इससे लोगों में और डर फैले। वह यूरोप में हुई आतंकी घटनाएं से गुस्से में था।
हमला से पहले आतंकी ने हेलमेट में कैमरा पहना और घटना की लाइव स्ट्रीमिंग की। इस वीडियो में आतंकी की कार में बोस्निया युद्ध के दौरान सर्बियाई अर्ध सैनिक बलों का मार्चिंग एंथम बज रहा है। इसले अलावा आतंकी ने अपने हथियारों में ऐसे लोगों के नाम लिखे जो मुसलमानों और शरणार्थियों की हत्या के दोषी थे।
पोप फ्रांसिस ने न्यूजीलैंड की दो मस्जिद में शुक्रवार को हुए हमले के बाद उस देश के सभी निवासियों और खासकर मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी दिली एकजुटता का आश्वासन दिया। इन हमलों में 49 लोग मारे गए हैं। विदेश मंत्री पिएत्रो पारोलिन ने एक टेलीग्राम में कहा कि पोप, ‘‘हिंसा के इन निर्मम कृत्यों में घायलों एवं मृतकों की जानकारी पाकर अत्यंत दुखी हैं।”