दुबई, तीन मार्च (एपी) कुवैत में संसद के साथ गहराते गतिरोध के बीच बुधवार को नयी कैबिनेट ने शपथ ग्रहण की।
सरकारी मीडिया में आयी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री शेख सबा अल-खलीद अल हमद अल सबा ने ऐसे चार मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर दिया जिनकी नियुक्ति से सांसद नाराज थे। उनके स्थान पर प्रधानमंत्री ने कम विवादित और अनुभवी नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी है।
इसे संसद के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है।
तेल संसाधनों के धनी खाड़ी देश में अमीर द्वारा नियुक्त सरकार और निर्वाचित संसद के बीच जारी गतिरोध और मौजूद खाई शेख नवाफ अल अहमद अल सबा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अमीर शेख नवाफ पिछले ही साल गद्दी पर बैठे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने नाराज सांसदों और संसद को मनाने के लक्ष्य से चार पुराने मंत्रियों को बाहर करके अन्य लोगों को कैबिनेट में जगह दी है।
सरकार और संसद के बीच जारी लड़ाई से जनता का भरोसा कमजोर हुआ है, हालात अस्थिर हुए हैं और 1990 की इराकी घुसपैठ के बाद पहली बार देश इतने बड़े ऋण संकट में फंसा है। कुवैत के जनरल रिजर्व फंड में नकदी नहीं है और सांसद गहरे तक फैले भ्रष्टाचार के कारण ऋण लेने के पक्ष में भी नहीं हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी और कच्चे तेल के गिरते दाम के कारण अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने पर अन्य खाड़ी देशों ने ऋण का सहारा लिया है।
अमीर शेख नवाफ ने बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह में बढ़ते संकट को दूर करने के लिए एकता बनाए रखने को कहा।
उन्होंने मंत्रियों से कहा, ‘‘आप पर बहुत जिम्मेदारियां हैं, खास तौर से इस महत्वपूर्ण समय में और मुझे विश्वास है कि आप सभी साथ मिलकर एक टीम की तरह काम कर सकेंगें।’’
अब देखना यह है कि नए कैबिनेट पर सांसदों की क्या प्रतिक्रिया होती है। अभी तक उनकी ओर से कुछ नहीं कहा गया है।
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