सदन भंग करने के खिलाफ 30 रिट याचिकाओं पर नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई शुरू की

By भाषा | Updated: May 28, 2021 20:58 IST2021-05-28T20:58:32+5:302021-05-28T20:58:32+5:30

Nepal's Supreme Court begins hearing on 30 writ petitions against dissolution of the house | सदन भंग करने के खिलाफ 30 रिट याचिकाओं पर नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई शुरू की

सदन भंग करने के खिलाफ 30 रिट याचिकाओं पर नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई शुरू की

काठमांडू, 28 मई नेपाल की संसद के निचले सदन को भंग करने के खिलाफ 30 रिट याचिकाओं पर यहां के उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई शुरू की और अगली सुनवाई के लिए रविवार की तारीख तय की। खबरों में यह बात सामने आई।

काठमांडू पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार नेपाल के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा ने आज सुबह संविधान पीठ का गठन किया था जिसमें उनके साथ न्यायमूर्ति दीपक कुमार कार्की, न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टराई, न्यायमूर्ति तेज बहादुर केसी और न्यायमूर्ति बाम कुमार श्रेष्ठ शामिल हैं।

संविधान संबंधी विवादों के निवारण के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के अलावा वर्तमान में 13 वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

उच्चतम न्यायालय के सूचना अधिकारी देवेंद्र ढाकल के हवाले से ‘द राइजिंग नेपाल’ अखबार ने लिखा, ‘‘सुनवाई शुक्रवार अपराह्न तीन बजे तक चली और आगे की सुनवाई रविवार (30 मई) को जारी रहेगी।’’

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा 22 मई को प्रतिनिधि सभा को भंग करने के खिलाफ 30 रिट याचिकाएं दायर की गयीं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर संसद के निचले सदन को भंग किया गया था।

ऐसी 19 याचिकाओं पर शुरुआती सुनवाई प्रधान न्यायाधीश राणा नीत पीठ ने बृहस्पतिवार को की थी। हालांकि एकल पीठ ने इस पर आगे की सुनवाई के लिए दायर रिट याचिकाओं को संविधान पीठ को भेज दिया।

कुछ याचिकाकर्ताओं ने सदन भंग करने और राष्ट्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए सदन की बैठक बुलाए जाने के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने की मांग की है। हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने इससे इनकार कर दिया।

संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक, सरकार को 29 मई तक संघीय बजट प्रस्तुत करना ही होगा।

चूंकि कोई संसद है नहीं इसलिए सरकार अध्यादेश के जरिए बजट लाने की योजना बना रही है।

राष्ट्रपति भंडारी ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को पांच महीनों में दूसरी बार शनिवार को भंग कर दिया और प्रधानमंत्री ओली की सलाह पर 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की।

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Web Title: Nepal's Supreme Court begins hearing on 30 writ petitions against dissolution of the house

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