Nepal Gen-Z Protest: नेपाल के प्रधानमंंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, जानें घटनाक्रम

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2025 15:04 IST2025-09-09T14:26:41+5:302025-09-09T15:04:17+5:30

Nepal Gen-Z Protest: सोमवार को एक 12 वर्षीय छात्र सहित 20 युवकों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए। नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे।

Nepal Gen-Z Protest Nepal Prime Minister KP Sharma Oli resigns amid violent protests in Kathmandu over alleged corruption | Nepal Gen-Z Protest: नेपाल के प्रधानमंंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, जानें घटनाक्रम

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HighlightsNepal Gen-Z Protest: हिस्सों में ‘‘केपी चोर, देश छोड़ो’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए।Nepal Gen-Z Protest: कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं।Nepal Gen-Z Protest: प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी।

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने के बाद इस्तीफा दिया है। व्यापक भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण सोमवार को एक 12 वर्षीय छात्र सहित 20 युवकों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए। नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे।

   

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने देश में जारी सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। ओली ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उनके कार्यालय में घुसने के कुछ ही देर बाद पद छोड़ दिया। ओली के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की मौतों की जवाबदेही की मांग करते हुए बालकोट स्थित नेपाली नेता के निजी आवास में आग लगा दी थी। विरोध प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने सोशल मीडिया साइट से प्रतिबंध कल रात हटा लिया।

 

प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की और कई नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में ‘‘केपी चोर, देश छोड़ो’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए।

   

प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास को आग लगा दी। ओली फिलहाल बालुवतार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी। इससे ठीक एक दिन पहले सोमवार को सोशल मीडिया साइटों पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। काठमांडू के कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं।

प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए टायर जलाए। मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायीं, जिसमें चार लोग घायल हो गए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी युवकों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया। गुरुंग ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के खुमलतार स्थित पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के आवास पर तोड़फोड़ की।

उन्होंने काठमांडू के बुद्धनीलकंठ में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने भी प्रदर्शन किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कुछ समय से अभियान चला रहे ‘जेन-ज़ी’ समूह ने रेडिट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल मंत्रियों और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के बच्चों की फिजूलखर्ची भरी जीवनशैली को उजागर करने के लिए किया है।

उन्होंने वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करके उन धन-संपत्ति के स्रोतों पर सवाल उठाए हैं जिनसे कथित तौर पर भ्रष्ट तरीकों से धन प्राप्त होता है। उसका कहना है कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है। नेपाल सरकार ने फेसबुक और 'एक्स' समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि वे पंजीकृत नहीं थीं।

हालांकि, सोमवार देर रात को सरकार ने जनता के गुस्से को कम करने के लिए सोशल मीडिया साइटों पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा, एक राष्ट्रीय सरकार का गठन और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में ओली के इस्तीफ़े और नयी सरकार के गठन की मांग की गई है।

‘जेन-ज़ी’ कार्यकर्ताओं के अनुसार, उनकी अन्य मांगों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी तथा राजनीतिक पद पर आसीन लोगों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना शामिल है। इस बीच, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने प्रधानमंत्री ओली से तत्काल इस्तीफ़ा देने की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ओली को स्थिति की ज़िम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।’’ नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिमलेंद्र निधि और अर्जुन नरसिंह केसी ने सुझाव दिया है कि पार्टी ओली के नेतृत्व वाली सरकार से अपने सभी मंत्रियों को वापस बुला ले, खुद सरकार बनाए और आंदोलनकारी ‘जेन-ज़ी’ समूह के साथ बातचीत शुरू करे। 

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