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नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने स्वीकारा केपी शर्मा ओली का इस्तीफा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं स्थगित

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2025 17:21 IST

Nepal Gen-Z Protest LIVE: नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने देश में जारी सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।

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ठळक मुद्देप्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित कई शीर्ष राजनीतिक नेताओं के निजी आवास पर हमला किया।कर्फ्यू और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद काठमांडू और अन्य स्थानों पर एकत्र हुए।सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने और नारेबाजी करने के तुरंत बाद ओली ने पद छोड़ दिया।

काठमांडूः नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। भक्तपुर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री शर्मा ओली के निजी आवास में आग लगने पर प्रदर्शनकारियों ने नाचते-गाते जश्न मनाया। कथित भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री ने आज दोपहर इस्तीफा दे दिया। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने कहा, "नेपाल में सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने या सहायता की आवश्यकता होने पर संपर्क के लिए काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के निम्नलिखित टेलीफोन नंबरों पर ध्यान दें: +977 – 980 860 2881, +977 – 981 032 6134।" वहीं, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित कई शीर्ष राजनीतिक नेताओं के निजी आवास पर हमला किया।

संसद भवन में तोड़फोड़ की। छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों में राजनीतिक वर्ग के खिलाफ कई कारणों को लेकर आम लोगों का बढ़ता आक्रोश झलक रहा है, जिसमें सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और कथित भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दे शामिल हैं। प्रदर्शनकारी कर्फ्यू और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद काठमांडू और अन्य स्थानों पर एकत्र हुए।

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 20  लोगों की मौत के लिए ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने और नारेबाजी करने के तुरंत बाद ओली ने पद छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पौडेल को लिखे अपने त्यागपत्र में ओली ने नेपाल के समक्ष मौजूद ‘‘असाधारण परिस्थितियों’’ का हवाला दिया और कहा कि वह मौजूदा स्थिति के ‘‘संवैधानिक और राजनीतिक’’ समाधान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा की खराब स्थिति को देखते हुए काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। हालांकि, नेपाल सरकार ने 'जेन ज़ी' युवाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार रात सोशल मीडिया वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ तथा 20 लोगों की मौत की जवाबदेही की मांग को लेकर अपना प्रदर्शन जारी रखा है। ‘जेन ज़ी’ वे युवा हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ।

ओली के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले, प्रदर्शनकारियों ने बालकोट स्थित उनके निजी आवास में आग लगा दी और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक आदि के आवासों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पौडेल के निजी आवास पर भी हमला किया।

‘जेन ज़ी’ के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में ‘‘केपी चोर, देश छोड़ो’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप स्थित पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी। यह घटना उनके पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद हुई।

काठमांडू के कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बनेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें हैं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं।

कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरूद्ध करने के लिए टायर जलाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी युवकों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया। गुरुंग ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने काठमांडू के बूढ़ा नीलकंठ स्थित पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के आवास में भी तोड़फोड़ की।

‘जेन ज़ी’ समूह, जो पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रहा है, ने रेडिट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके ‘‘मंत्रियों और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के बच्चों की फिजूलखर्ची वाली जीवनशैली’’ का पर्दाफाश किया है। उन्होंने वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करके ऐसे धन के स्रोतों पर सवाल उठाए हैं जिनसे ऐसी समृद्धि आती है, जो कथित तौर पर भ्रष्ट तरीकों से प्राप्त होती है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है।

नेपाल सरकार ने फेसबुक और 'एक्स' समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि वे पंजीकृत नहीं थीं। हालांकि, सोमवार देर रात को सरकार ने जनता के गुस्से को कम करने के लिए सोशल मीडिया साइटों पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की थी।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के अलावा राष्ट्रीय सरकार का गठन और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शामिल है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में नयी सरकार के गठन की मांग की गई है। ‘जेन-ज़ी’ कार्यकर्ताओं के अनुसार, उनकी अन्य मांगों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी तथा राजनीतिक पद पर आसीन लोगों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना शामिल है।

भारत ने नेपाल में अपने नागरिकों के लिए आपातकालीन फोन नंबर जारी किये

भारत ने मंगलवार को नेपाल में अपने नागरिकों के लिए आपातकालीन फोन नंबर जारी किये और किसी भी आपातस्थिति या सहायता की आवश्यकता होने पर उन फोन नंबर पर संपर्क करने को कहा। नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अफरा-तफरी मच गई है।

नेपाल में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नेपाल में सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी आपात स्थिति या सहायता की आवश्यकता होने पर संपर्क के लिए काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के निम्नलिखित टेलीफोन नंबरों का इस्तेमाल करें +977 – 980 860 2881 और +977 – 981 032 6134।’’ मौजूदा स्थिति को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारतीय नागरिकों को नेपाल की यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है।

बयान में कहा गया है, ‘‘नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वर्तमान निवास स्थानों पर ही रहें, सड़कों पर निकलने से बचें और पूरी सावधानी बरतें।’’ इसमें भारतीय नागरिकों से नेपाल के अधिकारियों और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी सुरक्षा सलाह का पालन करने को भी कहा गया है।

विमानन कंपनी एअर इंडिया ने मंगलवार को दिल्ली और काठमांडू के बीच चार उड़ानें रद्द कर दीं। कंपनी दिल्ली और काठमांडू के बीच प्रतिदिन छह उड़ानों का संचालन करती है। इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने भी मंगलवार को दिल्ली से काठमांडू के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दीं क्योंकि काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

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