म्यांमा : यांगून शहर के छह टाउनशिप में मार्शल कानून लागू
By भाषा | Updated: March 15, 2021 17:05 IST2021-03-15T17:05:16+5:302021-03-15T17:05:16+5:30

म्यांमा : यांगून शहर के छह टाउनशिप में मार्शल कानून लागू
यांगून, 15 मार्च म्यांमा में सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य शासन) ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के छह टाउनशिप में मार्शल कानून लागू करने की घोषणा की है।
असैन्य सरकार का तख्ता पलट करने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने के लिए की जा रही सख्त कार्रवाई और सप्ताहांत में सुरक्षाबलों द्वारा दर्जनों प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद जुंटा शासन ने यह कदम उठाया है।
सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने सोमवार को बताया कि यांगून के उत्तरी डैगोन, दक्षिणी डैगोन, डैगोन सेईक्काइन और उत्तरी ओक्कलापा में मार्शल कानून लागू किया गया है। इससे पहले सरकारी प्रसारक ने रविवार रात को दो टाउनशिप हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल कानून लागू करने की घोषणा की थी।
तख्ता पलट के खिलाफ प्रदर्शनों के लिहाज से गत रविवार सबसे खूनी रहा है। हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर नजर रखने वाले स्वतंत्र समूह ‘एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स’ (एएपीपी) के मुताबिक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 38 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं।
हालांकि, अन्य स्रोतों का अनुमान है की हताहतों की संख्या कहीं अधिक है।
जुंटा शासन के खिलाफ नए प्रदर्शनों की राह को मुश्किल बनाने, मीडिया कवरेज का संकट उत्पन्न करने के साथ प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है। हालांकि, ब्रॉडबैंड की सेवा अब भी जारी है।
प्रदर्शनकारी, मोबाइल डाटा का इस्तेमाल प्रदर्शन का इंटरनेट के जरिये सीधा प्रसारण करने के लिए कर रहे थे और उनमें अकसर दिखाई देता था कि प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बल हमला कर रहे हैं। हालांकि बिना किसी आधिकारिक कारण बताए इसे देर रात एक बजे से सुबह नौ बजे तक गत कई हफ्तो सें बंद रखा जा रहा है।
इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से म्यांमा की राजधानी नेपीता में लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की अदालत में सुनवाई भी स्थगित करनी पड़ी है। उनके वकील खीन मुआंग जॉ ने बताया कि सूची को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश होना था।
तख्ता पलट के बाद सेना ने सू ची और राष्ट्रपति विन मिंट को एक फरवरी का विभिन्न आपराधिक मामलों में हिरासत में ले लिया। उनके समर्थकों का मानना है कि राजनीतिक कारणों से उन्हें बंद रखा गया है।
म्यांमा में तख्ता पलट के बाद गत छह हफ्ते से आपातकाल लागू है लेकिन रविवार देर शाम सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने पहली बार मार्शल कानून का जिक्र किया जिससे प्रतीत होता है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस के बजाय सेना ने सीधे अपने हाथ में ले ली है।
घोषणा में कहा गया कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए यांगून के क्षेत्रीय कमांडर को उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रशासनिक, न्यायिक और सैन्य अधिकार दिए गए हैं।
यह आदेश यांगून की 33 टाउनशिप में से छह में लागू होगा जहां पर सबसे अधिक हिंसा हाल के दिनों में देखने को मिली थी।
एएपीपी के मुताबिक, सबसे अधिक 34 लोगों की मौत यांगून में हुई है।
हलियांग थार यार टाउनशिप का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें लोग भाग रहे हैं और गोली चलने की आवाजें आ रही हैं। ‘इंडिपेंडेंट डेमोक्रेटिक वाइस ऑफ बर्मा’ द्वारा जारी फुटेज में दिख रहा है कि जो लोग भाग रहे हैं वे एक घायल व्यक्ति को ले जा रहे हैं जबकि दो अन्य को होश में लाने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें से एक मरणासन्न या मृत लग रहा है।
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