Mary Millben Attacks On Hindus In Bangladesh: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता ने बांग्लादेश में पुजारियों और हिंदू वैष्णव धार्मिक संस्था के अन्य सदस्यों पर लगातार हो रहे हमलों के बारे में केंद्र को अवगत कराया है। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी इस्कॉन के पुजारियों और भक्तों के साथ-साथ हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न का उदाहरण है। बांग्लादेश में हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों को लेकर अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने X पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार को अब विश्व नेताओं को गंभीरता से संबोधित करना चाहिए. मैरी मिलबेन ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए X पर लिखा है " चिन्मय कृष्ण दास की कैद और बांग्लादेश में चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हमलों को अब विश्व नेताओं को संबोधित करना चाहिए। हमें धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक स्तर पर सभी आस्था रखने वाले लोगों की सुरक्षा को बनाए रखना चाहिए।"
‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कॉन्शियसनेस’ (इस्कॉन) ने बांग्लादेश सरकार से देश में हिंदुओं के लिए ‘‘शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व’’ को बढ़ावा देने का आग्रह किया और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की हाल ही में हुई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटगांव जाने वाले थे। मंगलवार को अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 30 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता की शिकायत पर चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। उन पर 25 अक्टूबर को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
मंगलवार को एक बयान में, इस्कॉन-बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा, ‘‘हम अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और चिन्मय कृष्ण दास की हाल ही में हुई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं... हम बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में सनातनियों के खिलाफ हुई हिंसा और हमलों की भी निंदा करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकारी अधिकारियों से सनातनियों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने का आग्रह करते हैं।’’ बयान में बांग्लादेश को अपना ‘‘जन्मस्थान और पैतृक घर’’ बताते हुए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने और नागरिक को मान्यताओं के अनुसार अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया।
इस्कॉन व रामकृष्ण मिशन जैसे अन्य हिंदू धार्मिक संगठनों के सदस्यों की गिरफ्तारी और इस्लामवादियों से मिल रही धमकियां पिछले तीन महीनों से जारी हैं। दास की गिरफ्तारी अब तक की नई घटना है। स्थिति चिंताजनक है। हमने विदेश मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस तरह के हमलों से प्रभावित लोगों के जीवन और संपत्तियों को बचाने और उनकी रक्षा करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।” इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष दास ने कहा, “हमने केंद्र सरकार से बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने का आग्रह किया ताकि ऐसी घटनाएं रुकें।”
उन्होंने कहा कि इस्कॉन यह भी चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र इस स्थिति पर संज्ञान ले और चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई के लिए जो भी आवश्यक हो वह करे। दास ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने कहा, “हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई स्थानों पर हमारे पुजारियों का अपहरण कर लिया गया और कुछ को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं लेकिन वहां के अधिकारियों ने बताए जाने के बावजूद हमारी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।”