कोविड टीका परीक्षण एक जीत थी- अब हमें एंटीबायोटिक्स के लिए समान प्रणाली की जरूरत

By भाषा | Updated: June 29, 2021 15:34 IST2021-06-29T15:34:05+5:302021-06-29T15:34:05+5:30

Kovid vaccine trial was a victory - now we need a similar system for antibiotics | कोविड टीका परीक्षण एक जीत थी- अब हमें एंटीबायोटिक्स के लिए समान प्रणाली की जरूरत

कोविड टीका परीक्षण एक जीत थी- अब हमें एंटीबायोटिक्स के लिए समान प्रणाली की जरूरत

(क्लास किर्चेले, यूनिवर्सिटी कॉलेज डब्लिन और रेबेका ग्लोवर, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मे़डिसिन)

लंदन, 29 जून (द कन्वरसेशन) कोविड-19 का टीका विकसित करने और प्रभावी उपचारों की खोज में जीत सिर्फ और सिर्फ क्लिनिकल परीक्षणों के अभूतपूर्व समन्वय के कारण संभव हुई। जांच की प्रक्रिया- जो अकसर एक दशक से भी ज्यादा वक्त तक चलती है- उसे नौ महीने से भी कम वक्त में पूरा किया गया। इसे अब दुनिया के सामने खड़े अन्य बड़े स्वास्थ्य संकट जैसे कि रोगाणु्रोधी प्रतिरोध (एएमआर) के लिए मॉडल के तौर पर लिया जाना चाहिए।

गैर वायरल रोगाणु खतरों से आगे रहने और इनके प्रति त्वरित प्रतिक्रिया के लिए, अब समय है नई दूरंदेशी क्लिनिकल परीक्षण अवसंरचना का। सार्वजनिक क्लिनिकल परीक्षण संस्थानों का नेटवर्क क्लिनिकल परीक्षण से पूर्व के अकादमिक प्रयोग को परीक्षण के बाद के सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक जानकार के साथ स्थायी रूप से जोड़ सकता है और नए एंटीबायोटिक दवाओं के लिए खाली पाइपलाइन को फिर से भर सकता है। इस पर कार्रवाई तत्काल जरूरी है।

यह लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रापिकल मेडेसिन के एडम रॉबर्ट्स और यूके सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी के एंड्रियू सिंगर के साथ किए गए एक अध्ययन का निष्कर्ष है।

एएमआर- एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें रोगाणु उन्हें नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होने एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध पैदा कर लेते हैं। यह वैश्विक स्वास्थ्य एवं खाद्य उत्पादन प्रणालियों के लिए एक गंभीर खतरा हैं। लाखों लोग पहले से मर रहे हैं और कई और लोग उन संक्रमणों से लड़ रहे हैं जिनका एक वक्त में इलाज था, और यह समस्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है।

समाधान का एक हिस्सा हमारे पास पहले से मौजूद एंटीबायोटिक्स का बेहतर ख्याल रखना है। हर बार जब एक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है,यह रोगाणु को विकासमूलक लाभ उपलब्ध कराता है जो इसके प्रभावों से बच निकल सकते हैं। कुछ समय बाद, इससे रोगाणुओं की एक ऐसी आबादी बन जाती है जो एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न कर लेती है। इसलिए एंटीबायोटिक्स समय-सीमित संसाधन हैं जिनका संयम से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

रोगाणु आज तक बने हर एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोध पैदा कर चुका है। उदाहरण के लिए, पहले एंटीबायोटिक, पेंसिलिन के प्रति प्रतिरोध पैदा करने में महज छह साल का वक्त लगा जो ब्रिटेन के अस्पतालों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा था।

समाधान का दूसरा हिस्सा एंटीबायोटिक अनुसंधान और नये एंटीबायोटिक्स के विकास को प्रोत्साहित करना है।

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Web Title: Kovid vaccine trial was a victory - now we need a similar system for antibiotics

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