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जापान के पीएम शिंजो आबे ने अपने पद से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 28, 2020 22:51 IST

जापान में अब तक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले शिंजो आबे ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह इस्तीफा दे रहे हैं।

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ठळक मुद्देजापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले आबे ने आज कहा था कि वह सेहत संबंधी एक गंभीर समस्या के दोबारा उभरने के बाद पद छोड़ना चाहते थे।।आबे ने बताया कि उन्हें किशोरावस्था से ही अलसेरेटिव कोलाइटिस (आंत संबंधी दिक्कत) है और इलाज की वजह से स्थिति नियंत्रण में थी।ग्रीष्मकाल से ही आबे के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं जताई जा रही थीं। इस महीने यह चर्चा तब और तेज हो गई जब वह लगातार दो सप्ताह स्वास्थ्य जांच के लिए गए।

नई दिल्ली:जापान के लोकप्रिय प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीबीसी से मिल रही जानकारी के मुताबिक, अपने स्वास्थ खराब होने की वजह से आबे ने यह फैसला लिया है। 

शिंजो आबे के खराब स्वास्थ की जानकारी सामने आने के बाद खुद देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि शिंजो आबे के खराब स्वास्थ्य के बारे में जानकर दु:ख हुआ।   

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के खराब स्वास्थ्य पर दु:ख जताते हुए कहा कि उनके बुद्धिमता पूर्ण नेतृत्व और निजी प्रतिबद्धता के कारण भारत-जापान की साझेदारी पहले से कहीं अधिक गहरी और मजबूत हुई है।

जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले आबे ने आज कहा था कि वह सेहत संबंधी एक गंभीर समस्या के दोबारा उभरने के बाद पद छोड़ना चाहते हैं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे, आपकी खराब सेहत के बारे में जानकर दु:ख हुआ। पिछले कुछ साल में आपके बुद्धिमता पूर्ण नेतृत्व और निजी प्रतिबद्धता की वजह से भारत-जापान साझेदारी पहले से कहीं अधिक गहरी और मजबूत हो गयी है। मैं आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना और प्रार्थना करता हूं।’’

जापान में अब तक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले शिंजो आबे ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह इस्तीफा देना चाह रहे हैं क्योंकि उनकी पुरानी बीमारी फिर से उभर आई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अपने अनेक लक्ष्यों को पूरा किए बिना पद छोड़ना ‘‘दिल को दुखाने’’ वाला है। आबे ने बताया कि उन्हें किशोरावस्था से ही अलसेरेटिव कोलाइटिस (आंत संबंधी दिक्कत) है और इलाज की वजह से स्थिति नियंत्रण में थी।

ग्रीष्मकाल से ही आबे के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं जताई जा रही थीं। इस महीने यह चर्चा तब और तेज हो गई जब वह लगातार दो सप्ताह स्वास्थ्य जांच के लिए गए। उन्होंने बताया कि वह अभी नए सिरे से इलाज करा रहे हैं जिसमें इंटरावेनस (नसों के जरिए) इंजेक्शन लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि कुछ सुधार है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि इससे संबंधित परेशानी का इलाज हो ही जाएगा। इसलिए उन्होंने इलाज के बाद सोमवार को पद से हटने का निर्णय लिया ।

आबे ने शुक्रवार को कहा, ‘‘अपने लक्ष्यों को पूरा किए बिना पद छोड़ना, दिल दुखाने वाला है।’’ उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा वर्षों पहले कई जापानियों के अपहरण और रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद नहीं सुलझाए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्या इस साल की शुरुआत तक नियंत्रण में थी लेकिन जून में जब वह सालाना जांच के लिए गए तो फिर से उन्हें इस समस्या के उभरने का पता चला। आबे का कार्यकाल सितंबर, 2021 में खत्म होने वाला है। ऐसी उम्मीद है कि जब तक पार्टी इस पद के लिए एक नया नेता नहीं चुन लेती है और संसद से औपचारिक मंजूरी नहीं मिल जाती है, तब तक आबे पद पर बने रहेंगे। आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन एक साल बाद ही स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह पद से हट गए।

टॅग्स :जापानशिंजो अबे
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