रोम: चैटजीपीटी को प्रतिबंधित करने के बाद इटली देश अब अंग्रेजी भाषा पर बैन लगाने की योजना बना रहा है। इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की राजनीतिक पार्टी, द ब्रदर्स ऑफ इटली ने विशेष रूप से विदेशी भाषाओं, विशेष रूप से अंग्रेजी का उपयोग करने वाली सार्वजनिक और निजी संस्थाओं पर 89.3 लाख रुपये (100,000 यूरो) तक का जुर्माना लगाकर इतालवी भाषा को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के उद्देश्य से एक मसौदा विधेयक प्रस्तावित किया है।
यह प्रस्ताव इस चिंता के बीच आया है कि इटली में विदेशी भाषाओं का बढ़ता उपयोग देश की सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करता है और इसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, प्रस्तावित बिल यह निर्धारित करता है कि इटली में काम करने वाली कंपनियों में नौकरी के शीर्षक इतालवी में लिखे जाने चाहिए, केवल विदेशी शब्दों की अनुमति तभी होगी जब उनका अनुवाद नहीं किया जा सकेगा।
मसौदे का तर्क है कि यूरोप में अंग्रेजी का व्यापक उपयोग विशेष रूप से नकारात्मक और विरोधाभासी है क्योंकि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर जा चुका है। हालांकि, प्रस्ताव की आलोचना की गई है, कुछ लोगों का तर्क है कि यह इटली की अंतरराष्ट्रीय छवि और प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाएगा। आलोचकों का सुझाव है कि विदेशी शब्दों पर एक व्यापक प्रतिबंध से भाषाई अलगाव हो सकता है और वैश्विक समुदाय के साथ जुड़ने की देश की क्षमता बाधित हो सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि प्रस्तावित बिल इटली द्वारा घोषणा किए जाने के ठीक एक दिन बाद आया है कि वह डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताओं को लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का फैसला किया है। यह कदम इटली को लोकप्रिय एआई चैटबॉट के खिलाफ कार्रवाई करने वाला पहला पश्चिमी देश बनाता है। बता दें कि 'चैटजीपीटी' तकनीक की दुनिया में आते ही सनसनी मचा रहा है। यह एक नई पीढ़ी का सर्च इंजन है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से काम करने वाला यह टूल बेहद प्रभावशाली है।