बीजिंग:चीन ने हमास के साथ युद्ध में उलझे हुए इजरायल से कहा कि हर देश की तरह उसे भी आत्मरक्षा का अधिकार है लेकिन विरोधी देश पर आक्रमण के समय उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन भी ध्यान देना चाहिए। चीनी मीडिया के अनुसार इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन से बात करते हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह बात की।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि अगर फिलिस्तीनी-इजरायल सुलह में योगदान देने की बात आती है तो चीन अपनी ओर से हर तरह की कोशिश करेगा।
विदेश मंत्री यी ने इजरायली विदेश मंत्री कोहेन से मंगलवार को कहा कि चीन दोनों देशों के मध्य शांति के किसी भी प्रस्ताव का दृढ़ता से समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि चीन को बेहद खुशी होगी कि वह दोनों देशों के मध्य शांति के लिए अनुकूल वातावरण को तैयार कर सके।
वांग ने इज़रायल से मध्य पूर्व में चीनी नागरिकों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी देशों को आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और नागरिकों की सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए।
चीन ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में हिंसा और नागरिकों पर हमलों की निंदा की हालांकि चीनी विदेश मंत्री ने अपनी टिप्पणियों में हमास का नाम नहीं लिया।
विदेश मंत्री यी ने इजरायल के विदेश मंत्री कोहेन से बात करने के अलावा फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी के साथ भी अलग से फोन पर बात की। जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि चीन को गाजा के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने के प्रयासों की जरूरत है न कि हथियारों या भूराजनीतिक करने की।
विदेश मंत्री वांग की यह टिप्पणी उनके 26-28 अक्टूबर को वाशिंगटन दौरे पर जाने के कार्यक्रम से कुछ दिन पहले आई है। इस संबंध में अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात करेंगे। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने यह कहने से इनकार कर दिया कि चीनी विदेश मंत्री और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच भी मुलाकात होगी या नहीं।
इजरायल-हमास के इस संघर्ष में चीन और रूसअमेरिका के मुकाबले खेमे में खड़े हैं। चीन और रूस का रुख इस मले पर एक समान है और उनका कहना है कि अभी भी फ़िलिस्तीनी लोगों के वैध राष्ट्रीय अधिकार पूरे नहीं हुए हैं। जबकि अमेरिका ने हमास के हमले की निंदा करते हुए इजरायल की युद्ध नीति का पूरा समर्थन किया है।