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पाकिस्तान में एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक!, जानें किस देश की सेना ने अपने जवानों को सीमा के अंदर घुसकर छुड़ाया

By अनुराग आनंद | Updated: February 5, 2021 07:55 IST

रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने अपने एक बयान में कहा कि उसके दो सीमा रक्षकों को मंगलवार रात एक सफल खुफिया ऑपरेशन में पाकिस्तान में घुसकर मुक्त करा लिया गया है। जानें पूरा मामला...

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ठळक मुद्देआतंकवादी समूह जैश उल-अदल मुख्य तौर पर दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान का आतंकी संगठन है।आतंकी संगठन जैश-उल-अदल ने ईरान व पाकिस्तान की सीमा पर से अक्टूबर 2018 में करीब 12 ईरानी जवानों का अपहरण कर लिया था।

नई दिल्ली: ईरान ने कथित तौर पर बीते सप्ताह पाकिस्तान में 'सर्जिकल स्ट्राइक' किया और अपने कैद किए गए दो लोगों को छुड़ाकर वापस ले गया।

सुरक्षा बल ने अपने प्रेस वार्ता में बताया कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के कुछ जवानों ने पाकिस्तान की सीमा को पार कर एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देते हुए अपने दो सैनिकों को मुक्त करा लिया। 

मंगलवार रात को इस ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया-

इंडिया टुडे के मुताबिक, इरानी सेना ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि करीब ढाई साल पहले जैश उल-अदल संगठन द्वारा बंधक बनाए गए अपने 2 जवानों को छुड़ाने के लिए मंगलवार रात को इस ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया। 

इस गार्ड को छुड़ाने के बाद उसे ईरान भेज दिया गया। मिल रही जानकारी के मुताबिक इन दोनों जवानों को छुड़ाने के लिए इरानी जवान पाकिस्तान के अंदर घुसे थे। 

आतंकी संगठन जैश-उल-अदल ने ईरान के 12 जवानों का किया था अपहरण

रिपोर्ट की मानें तो आतंकी संगठन जैश-उल-अदल ने ईरान व पाकिस्तान की सीमा पर से अक्टूबर 2018 में करीब 12 ईरानी जवानों का अपहरण कर लिया था। बाद में आतंकियों ने नवंबर 2018 को 5 ईरानी सेना के जवानों को छोड़ दिया था। 

इसके कुछ समय बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा 4 ईरानी जवानों को आतंकियों के पास से रेस्क्यू किया गया था। अब खबर है कि बलूचिस्तान में इस ऑपरेशन को अंजाम देकर ईरानी सेना के जवानों ने अपने दो साथियों को छुड़ा लिया है।

जैश उल-अदल का इतिहास

आतंकवादी समूह जैश उल-अदल मुख्य तौर पर दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान का आतंकी संगठन है। यह संगठन ईरान से लगे सीमा पर पाकिस्तान में काफी एक्टिव है। यह संगठन अक्सर बॉर्डर पार ईरान में हमलों को अंजाम देता है। इसी आतंकी संगठन ने ईरान के अर्धसैनिक बेस पर फरवरी 2019 में हमला किया और इसके बाद जिम्मेदारी भी स्वीकार किया। इस हमले में ईरानी सेना के दर्जनों जवान मारे गए थे। 

बता दें कि पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में इस आतंकी संगठन के कैंप हैं। इस संगठन ने बलूचिस्तान व सिस्तान में एक्टिव संगठन सुन्नी मिलिटेंट और जुंदुल्लाह में युवाओं को भर्ती कर इन आतंकी संगठनों को मजबूती देने का प्रयास किया है। 

टॅग्स :पाकिस्तानईरानसर्जिकल स्ट्राइक
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