(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 28 जनवरी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जलवायु परिवर्तन के मौजूदा मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए चीन के साथ बौद्धिक संपदा की चोरी और दक्षिण चीन सागर (एससीएस) जैसे मामलों पर कोई समझौता नहीं करेगा।
जलवायु परिवर्तन के मामले पर राष्ट्रपति के विशेष दूत के पद के लिए नामित जॉन केरी ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि कुछ बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों पर अमेरिका के चीन के साथ गंभीर मतभेद हैं।
अमेरिका और चीन के बीच संबंध अभी तक के सबसे खराब स्तर पर हैं। दोनों देश व्यापार, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक सैन्य कार्रवाई और मानवाधिकार सहित कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ विदेश मंत्री और सीनेट के तौर पर सेवाएं देने के बाद मैं, बौद्धिक संपदा की चोरी, बाजार में पहुंच, दक्षिण चीन सागर जैसे मुद्दों पर हर किसी की तरह काफी सतर्क हूं। जलवायु के लिए इनमें से किसी भी मुद्दें पर समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसा नहीं होने वाला है।’’
केरी ने बताया कि जलवायु अपने आप में ही एक बड़ा मुद्दा है और अमेरिका को यह ध्यान में रखते हुए इससे निपटना होगा कि विश्व में 30 प्रतिशत उत्सर्जन अकेले चीन ही करता है। अमेरिका 15 प्रतिशत उत्सर्जन करता है। यूरोपीय संघ के साथ मिलकर तीनों करीब 55 प्रतिशत उत्सर्जन करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, आगे बढ़ने के लिए इसे अलग-अलग करने का तरीका खोजने की जरूरत है। हम देखेंगे कि इस पर क्या होता है। लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडन चीन से जुड़े अन्य मुद्दों से निपटने की जरूरत को लेकर स्पष्ट हैं। किसी भी मुद्दे को आपस में मिलाया नहीं जाएगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।