केजेएम वर्मा, बीजिंग
विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से यहां सोमवार को मुलाकात की और वुहान शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
द्विपक्षीय वार्ता के लिए गोखले ऐसे समय में चीन की यात्रा पर आए हैं जब इस बात की फिर से उम्मीद जगी है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संबंध में चीन के साथ भारत के मतभेद आगामी सप्ताह में सुलझ सकता है।
उल्लेखनीय है कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को चीन बार-बार बाधित करता रहा है। गोखले ने वांग से झोंगननहाई परिसर में मुलाकात की। वांग स्टेट काउंसलर भी हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में स्टेट काउंसलर ऊंचे स्तर का पद है।
गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीनी शहर वुहान में पिछले साल अनौपचारिक मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं के बीच कई मामलों पर आपसी समझ बनी थी। दोनों पक्ष इसमें बनी समझ को लागू करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
गोखले ने कहा, ‘‘हम भरोसे को मजबूत करने के लिए और आपसी समझ गहरी करने के लिए चीनी पक्ष के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि नेताओं की ओर से लिए गए फैसलों को लागू किया जा सके और इस तरीके से लागू किया सके जो एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील हो।’’
अजहर मसूद पर चर्चा
वार्ता के दौरान जिन मामलों पर बात होने की संभावना थी, उनमें एक मामला अजहर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को चीन द्वारा बाधित किए जाने का मामला शामिल है। इसके अलावा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के कारण चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल (बीआरआई) पर भी भारत को आपत्ति है।
बीजिंग अजहर मामले पर मतभेद सुलझाने को लेकर हालिया दिनों में उस समय आशावादी प्रतीत हुआ था जब उसने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर असर डालने वाला मामला सुलझने वाला है। यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता के दौरान अजहर मसूद और बीआरआई के मामले पर चर्चा की गई, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जहां तक विशेष मामलों की बात है... दोनों पक्षों के बीच मतभेदों की तुलना में साझे हितों के कहीं अधिक मामले हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों को एक दूसरे की चिंताओं का ध्यान रखना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों में विकास की लय को बरकरार रखने के लिए सहयोग और समन्वय बढ़ाएंगे। चीन तैयार है और इस मामले में भारत के साथ मिलकर काम करना चाहेगा।’’
गोखले ने वांग के अलावा उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयू से भी मुलाकात की और विभिन्न मोर्चों पर संबंधों में हुई प्रगति को लेकर बात की। गेंग ने बताया कि वार्ता के दौरान ‘‘चीनी पक्ष ने कहा कि दो महत्वपूर्ण पड़ोसी देश, उभरते बाजारों के प्रतिनिधि और रणनीतिक साझीादार होने के नाते भारत और चीन को रणनीतिक समन्वय और आपसी राजनीतिक विश्वास बढ़ाना होगा और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर निकट समन्वय बनाए रखना होगा।’’ भाषा सिम्मी शाहिद शाहिद