लंदन, 22 सितंबर ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को अपना अद्यतन अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श जारी किया जिसमें एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड को पात्र टीके के रूप में शामिल कर लिया गया है, लेकिन भारत को उन 17 देशों की सूची से बाहर रखा है, जिनके यहां के टीकों को स्वीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि भारतीय को गैर-टीकाकरण वाले यात्रियों के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।
ब्रिटेन में चार अक्टूबर से लागू होने वाले नए अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श के तहत, भारत अभी तक उन 17 देशों की सूची में शामिल नहीं है, जिनके टीके को ब्रिटेन में मान्यता दी गई है, लिहाजा भारत में टीका लगवाने वाले लोगों को भी ब्रिटेन पहुंचने पर पृथकवास में रहना होगा।
बहरहाल, ब्रिटेन के नए अद्यतन यात्रा परामर्श से पृथकवास नियमों को लेकर कुछ भ्रम फैला, खासकर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके को लेकर, जिसका भारत अपने यहां टीकाकरण कार्यक्रम में व्यापक इस्तेमाल कर रहा है।
ब्रिटेन द्वारा यात्रा परामर्श में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड को शामिल करने नहीं करने पर काफी आलोचना हुई थी। इसके तहत इस टीके की दोनों खुराक लेने वाले भारतीयों को उन लोगों की तरह दस दिन अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।
ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा कि मुख्य मुद्दा टीका प्रमाणन का है न कि कोविशील्ड टीके का तथा भारत एवं ब्रिटेन इस मुद्दे का परस्पर हल ढूंढने के लिए संवाद कर रहे हैं।
ब्रिटेन उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा, ''हम भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं और यह पता कर रहे हैं कि भारत में टीका लगवा चुके लोगों के टीका प्रमाण पत्र को किस तरह ब्रिटेन में मान्यता दी जा सकती है।''
उन्होंने कहा, “ ब्रिटेन जितनी जल्दी हो सके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से खोलने के लिए प्रतिबद्ध है और यह घोषणा सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए लोगों को सुरक्षित तरीके से फिर से अधिक स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए एक और कदम है।”
नया यात्रा परामर्श ऐसे समय में आया जब भारतीय यात्रियों के लिए प्रक्रिया को लेकर भ्रम की स्थिति थी। वहीं परामर्श कहता है, ''एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा जैसे चार टीकों को स्वीकृत टीकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।''
इसमें कहा गया है, ''आपके लिये ब्रिटेन आने से 14 दिन पहले टीके की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य है।''
बहरहाल, ब्रिटेन सरकार के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन के ‘गैर-टीकाकरण नियमों’ का पालन करना होगा जिसका मतलब है कि भारतीय मुसाफिरों को प्रस्थान से तीन दिन पहले कोविड की जांच करानी होगी और इंग्लैंड पहुंचने के दो दिन बाद जांच कराने के लिए अग्रिम बुकिंग करनी होगी। इंग्लैंड पहुंचने पर यात्री को 10 दिन के लिए पृथकवास में रहना होगा।
दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। कोविड-19 खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है। चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अब भी एम्बर सूची में है। इस सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन जाने पर कुछ पाबंदियों से गुजरना पड़ सकता है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को नई दिल्ली में इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “ हमें देखना होगा कि आगे क्या होता है। अगर हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो उसी तरह के कदम उठाना हमारे अधिकार क्षेत्र के भीतर होगा।’’
श्रृंगला ने कहा, ‘‘यहां मुख्य मुद्दा यह है कि एक टीका है कोविशील्ड, जो ब्रिटिश कंपनी का लाइसेंसी उत्पाद है, जिसका उत्पादन भारत में होता है और ब्रिटिश सरकार के अनुरोध पर हमने ब्रिटेन को इसकी 50 लाख खुराक भेजी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि इसका उपयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली (एनएचएस) के तहत हो रहा है और ऐसे में कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण नीति है और इससे ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिक प्रभावित होते हैं।’’
इन 17 देशों की सूची में ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर और मलेशिया सहित अन्य देश शामिल हैं।
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