वाशिंगटनः यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है। इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है।
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र ललित कुमार ने कहा, ‘‘ इस वक्त हम अपने छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं और हमें नहीं पता कि यहां हम कब तक सुरक्षित रह पाएंगे। हम भारत सरकार से हमें यूक्रेन के पूर्वी इलाके से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं।’’
'अपने आप यात्रा करना संभव नहीं यहां मार्शल लॉ लागू है'
छात्र ने आगे कहा, ‘‘ अपने आप यात्रा करना संभव नहीं है। यहां मार्शल लॉ लागू है, जिसका मतलब है कि कोई बाहर नहीं जा सकता, कार, बस और निजी वाहन नहीं निकल सकते। एटीएम और सुपर मार्केट भी बंद हैं।’’ छात्रों ने उस तहखाने का वीडियो भी साझा किया जहां वे छिपे हुए हैं।
'हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे'
ललित कुमार ने कहा, ‘‘ हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे। भारत सरकार हमारी आखिरी उम्मीद है....हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने लोगों से मिलना चाहते हैं। हमारी मदद कीजिए।’’
गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूक्रेन में छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों को आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय थे और उनमें से लगभग 4,000 पिछले कुछ दिनों में भारत लौट आए हैं।