'चीन, भारत और रूस ने ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में तरक्की की', अमेरिकी सांसद ने कहा- नहीं रहा हमारा वर्चस्व
By विशाल कुमार | Updated: March 24, 2022 12:05 IST2022-03-24T12:02:57+5:302022-03-24T12:05:14+5:30
‘सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी’ के अध्यक्ष जैक रीड ने बुधवार को कहा कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम तकनीक संबंधी सुधार कर रहे हैं। कभी तकनीक के क्षेत्र में हमारा वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है।

'चीन, भारत और रूस ने ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में तरक्की की', अमेरिकी सांसद ने कहा- नहीं रहा हमारा वर्चस्व
वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा कि उन्नत तकनीक के क्षेत्र में अब अमेरिका उतना प्रभावशाली नहीं है, जबकि चीन, भारत और रूस ने ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में काफी तरक्की कर ली है।
‘सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी’ के अध्यक्ष जैक रीड ने बुधवार को एक नामांकन की पुष्टि के लिए हो रही बहस में कहा, ‘‘हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम तकनीक संबंधी सुधार कर रहे हैं। कभी तकनीक के क्षेत्र में हमारा वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ‘हाइपरसोनिक’ प्रौद्योगिकी में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है।’’
इसके बाद, डॉ. विलियम लैपलेंट ने उनसे पूछा कि रक्षा अवर सचिव बनने के बाद वह इन मुद्दों से कैसे निपटेंगे। रीड ने कहा, ‘‘ हम विश्व के इतिहास में पहली बार त्रिपक्षीय परमाणु प्रतियोगिता का सामना करने वाले है। अब यह द्विपक्षीय नहीं है। मुकाबला अब सोवियत संघ और अमेरिका के बीच नहीं है...बल्कि चीन, रूस और अमेरिका के बीच है।’’
लैपलेंट ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि हथियार प्रणालियों की मुख्यधारा में आने के लिए तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जिन नई तकनीकों के बारे में आपने बात की। इस दिशा में पिछले कई वर्षों में हमने कई कदम उठाए हैं.. मुझे लगता है कि यह बेहद अच्छा है।’’