भारत-पाकिस्तान के बीच ‘ट्रैक 2’ की कूटनीति प्रक्रिया बहाल, बातचीत से मुद्दे सुलझाने पर सहमति
By भाषा | Published: May 2, 2018 05:38 AM2018-05-02T05:38:16+5:302018-05-02T05:39:09+5:30
दोनों पक्षों ने कश्मीर, सियाचिन, सर क्रीक, आतंकवाद, नियंत्रण रेखा पर तनाव और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की। दोनों पक्ष अपने प्रस्ताव विचार के लिए अपनी सरकारों को सौंपेंगे।
इस्लामाबाद, 2 मई। पाकिस्तानी संगठनों द्वारा भारत में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई ठहराव के बीच भारतीय विशेषज्ञों के एक समूह ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा करने और ट्रैक 2 की कूटनीति प्रक्रिया को बहाल करने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मूल ट्रैक 2 पहल ‘नीमराणा संवाद’ को इस दौरे के साथ नई शुरूआत मिली है। भारतीय पक्ष की अगुवाई पूर्व विदेश सचिव विवेक काटजू और अन्य विशेषज्ञों ने की, जबकि पाकिस्तानी पक्ष में पूर्व मंत्री जावेद जब्बार और अन्य लोग शामिल थे।
दोनों पक्षों के बीच इस्लामाबाद में 28 से 30 अप्रैल के बीच संवाद हुआ। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे बातचीत के जरिये सुलझाये जाने चाहिए।
दोनों पक्षों ने कश्मीर, सियाचिन, सर क्रीक, आतंकवाद, नियंत्रण रेखा पर तनाव और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की। दोनों पक्ष अपने प्रस्ताव विचार के लिए अपनी सरकारों को सौंपेंगे।
पाकिस्तानी पक्ष में शामिल विशेषज्ञों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पूर्व गवर्नर इशरत हुसैन भी थे जिनका नाम जुलाई में संभावित आम चुनाव के दौरान पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के उम्मीदवारों के तौर पर मीडिया में चल रहा है।
ट्रैक 2 की वार्ता को पूरी तरह गुप्त रखा गया और आयोजकों ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी साझा नहीं किया। 1990 के दशक की शुरूआत में नीमराणा संवाद की शुरूआत हुई थी।
साल 2016 में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों द्वारा किये गये आतंकी हमलों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमलों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। हाल ही में भारत ने कहा था कि वह शंघाई सहयोग संगठन की रूपरेखा के तहत रूस में कई देशों के आतंकवाद निरोधक अभ्यास में पाकिस्तान के साथ भाग लेगा।