रूस से भारत खरीद रहा कच्चा तेल, अमेरिका का निकला दम?, यूएस ने कहा- इस कारण ट्रंप ने भारत पर लगाईं पाबंदियां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2025 16:14 IST2025-08-20T16:13:17+5:302025-08-20T16:14:11+5:30
रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के दंडात्मक उपायों के संदर्भ में, बाबुश्किन ने कहा कि प्रतिबंध उन लोगों पर प्रहार कर रहे हैं जो इन्हें लगा रहे हैं।

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नई दिल्लीः रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने बुधवार को कहा कि रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिका की ओर से भारत पर दबाव बनाया जाना अनुचित है। रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बाहरी दबाव के बावजूद भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा। उन्होंने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह भारत के लिए एक "चुनौतीपूर्ण" स्थिति है और रूस को नयी दिल्ली के साथ अपने संबंधों पर "भरोसा" है। रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के दंडात्मक उपायों के संदर्भ में, बाबुश्किन ने कहा कि प्रतिबंध उन लोगों पर प्रहार कर रहे हैं जो इन्हें लगा रहे हैं।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल के बीच एक स्थिर शक्ति के रूप में ब्रिक्स की भूमिका बढ़ेगी। रूसी राजनयिक की यह प्रतिक्रिया भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में उपजे तनाव की पृष्ठभूमि में आई है।
इस 50 प्रतिशत शुल्क में रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस महीने एक शासकीय आदेश जारी करके नयी दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के लिए जुर्माने के रूप में भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया था।
भारत रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने मास्को पर प्रतिबंध लगाकर कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर दी थी, जिसके बाद भारत ने कम दामों पर रूसी तेल की खरीद शुरू कर दी थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए ट्रंप ने भारत पर पाबंदियां लगाईं : व्हाइट हाउस
अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत पर पाबंदियां लगाई हैं। ट्रंप ने अमेरिका आने वाली भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगा रखा है।
रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी होगा। इससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा। प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए लेविट ने कहा कि ट्रंप ने करीब चार साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए ‘‘जबर्दस्त सार्वजनिक दबाव’’ डाला है। उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि आपने देखा है उन्होंने भारत पर पाबंदियों सहित कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस युद्ध को समाप्त होते देखना चाहते हैं।’’ लेविट ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति जल्द से जल्द इस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं।’’ रूस ने फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इससे पहले ‘सीएनबीसी’ के साथ साक्षात्कार में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर रूस से तेल खरीद उसे अन्य स्थान पर फिर से बेचकर ‘‘मुनाफाखोरी’’ करने का आरोप लगाया था।
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को ‘‘ अनुचित ’’ बताया है। उसने कहा है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।