लाइव न्यूज़ :

भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को पाट रहा, अफगानिस्तान-म्यांमा पर चर्चा में मदद कर रहा : तिरुमूर्ति

By भाषा | Updated: March 31, 2021 14:17 IST

Open in App

(योषिता सिंह)

(इंट्रो और आठवें पैरा में सुधार के साथ)

न्यूयॉर्क , 31 मार्च संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा कि भारत ध्रुवीकृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक ‘सेतु’ का काम कर रहा है, मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहा है, परिषद के बयानों को दिशा देने में मदद कर रहा है, अफगानिस्तान और म्यांमा पर चर्चा और सीरिया में मानवीय संकट को ध्यान में रखकर वृहद बैठक पर जोर दे रहा है और आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में निर्वाचन के तीन महीने पूरे कर रहे भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद की चर्चाओं में ‘अनूठा परिप्रेक्ष्य’ लाने में सफल रहा है।

तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आप चाहें तो इसे भारतीय परिप्रेक्ष्य कह सकते हैं। यह बहुत गहन अवधि रही है।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि भारत ऐसे समय में सुरक्षा परिषद सदस्य बना है जिसमें गत समय में ध्रुवीकरण हुआ है।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ध्रुवीकरण अब भी दिखाई देता है, भारत सुरक्षा परिषद में मतभेदों को दूर करने में सेतु की तरह काम कर रहा है। हम सभी मुद्दों पर सदस्यों के साथ सृजनात्मक कार्य कर रहे हैं। हमारी बात का सम्मान होता है और हमारे योगदान को स्वीकार किया जाता है।’’

तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा, ‘‘परिषद के लिए एक सुर में बोलना महत्वपूर्ण है बजाय बिल्कुल ही नहीं बोलना।’’

उन्होंने उन घटनाओं का जिक्र किया जब भारत ने परिषद में नतीजे लाने में मदद की।

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने विभिन्न मुद्दों को अपने परिप्रेक्ष्य से दिशाबद्ध किया। म्यांमा पर सुरक्षा परिषद के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ‘‘अलग-अलग नजरिये को एक साथ लाकर इस बयान को अधिक सृजनात्मक और मुद्दे के समाधान में सहायक बनाने में सफल रहा।’’

उन्होंने बताया कि तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करते हुए भारत ने परिषद के अफगानिस्तान पर बयान को स्वरूप देने में मदद की जिसमें बढ़ती हिंसा को लेकर हमारी चिंताओं और लक्षित हत्याओं के मुद्दे के साथ महिलाओं, अल्पसंख्यकों और आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित किया गया और इसके अफगानिस्तान एवं इलाके पर होने वाले असर पर विचार किया गया।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान और उसकी स्थिरता एवं शांति में हमारे महत्वपूर्ण हित है। तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष होने के नाते इस प्रक्रिया में हमारा योगदान महत्वपूर्ण है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वTaiwan: ताइपे में अज्ञात ने चाकू से हमला कर 3 लोगों की ली जान, संदिग्ध की इमारत से गिरकर मौत

क्राइम अलर्टDelhi: प्रेम नगर में मजदूर की हत्या, विवाद के चलते पीट-पीटकर कर उतारा मौत के घाट

बॉलीवुड चुस्कीSreenivasan Death: मलयालम एक्टर-डायरेक्टर श्रीनिवासन का निधन, 69 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

विश्वBangladesh Violence: ढाका में आज युवा नेता उस्मान हादी को दफनाया जाएगा, अंतरिम सरकार ने लोगों से की शांति की अपील

क्रिकेटVIDEO: साउथ अफ्रीका के खिलाफ पांड्या ने लगाया ऐसा छक्का, कैमरामैन हुआ घायल; फिर हुआ कुछ ऐसा...

विश्व अधिक खबरें

विश्वअमेरिकी सेना ने सीरिया में किए हवाई हमले, ISIS के दर्जनों ठिकानों को बनाया निशाना

विश्वBangladesh Protests: तुम कौन हो, मैं कौन हूं - हादी, हादी, बांग्लादेश में प्रदर्शन तेज, करोड़ों का नुकसान, वीडियो

विश्वयुवा नेता की मौत से फिर सुलग उठा बांग्लादेश, भारतीय दूतावास पर फेंके गए पत्थर; प्रमुख मीडिया कार्यालयों में लगाई आग

विश्व‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान से नवाजा?, पीएम मोदी को अब तक दूसरे देशों में 28 से अधिक उच्चतम नागरिक सम्मान, देखिए लिस्ट

विश्वभगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण दी की मंजूरी