लंदन, 18 अप्रैल: भारत और ब्रिटेन ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को किसी एक धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच 'सार्थक चर्चा' के बाद दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प लिया।
10 डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच बातचीत में सीरिया हवाई हमले, आतंकवाद विरोधी लड़ाई, कट्टरपंथ और ऑनलाइन चरमपंथ पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों को ऐसे किसी भी दायरे से उपेक्षित रखने की जरूरत है जहां वे कट्टरपंथ फैला सकें, लोगों की भर्ती कर सकें और निदोर्ष लोगों पर आतंकी हमले कर सकें।
साझा बयान के अनुसार मोदी और मे ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद , हिज्बुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा, आईएसआईएस तथा इनसे जुड़े समूहों जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
पिछले दिनों ब्रिटेन में पूर्व रूसी डबल एजेंट सर्गई स्क्रिपल तथा उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट नामक रसायन द्वारा हमला किए जाने की घटना का भी साझा बयान में उल्लेख किया गया है।
बयान के मुताबिक मोदी और मे ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग से जुड़ी खबरों को लेकर गहरी चिंता को साझा किया। (खबर इनपुट-पीटीआई)