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म्यामां में हुए तख्तापलट को लेकर भारत और जापान के संपर्क में है अमेरिका : विदेश मंत्रालय

By भाषा | Updated: February 3, 2021 18:07 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, तीन फरवरी अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने म्यांमा में शीर्ष असैन्य नेताओं की गिरफ्तारी को ''तख्तापलट'' करार देते हुए कहा है कि उनका देश वहां हुए ताजा घटनाक्रम को लेकर भारत और जापान जैसे क्षेत्रीय सहयोगियों के निरंतर संपर्क में है क्योंकि इन दोनों देशों के म्यांमा की सेना के साथ बेहतर संबंध हैं।

म्यांमा की सेना ने सोमवार को एक साल के लिये देश पर अपना नियंत्रण स्थापित करते हुए आंग सान सू ची समेत शीर्ष राजनीतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहा, ''हम इस क्षेत्र में समान विचारों वाले तथा साझेदार देशों के निरंतर संपर्क में हैं जिनमें जापान और भारत शामिल हैं। हम उनसे रोजाना संपर्क कर रहे हैं। कुछ अन्य देशों के भी म्यांमा की सेना से बेहतर संबंध हैं। हम उनके साथ भी संपर्क बनाए हुए हैं।''

अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा कि बर्मा में सेना की कार्रवाई तख्तापलट है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘सभी तथ्यों की समीक्षा के बाद हमारा आकलन है कि निर्वाचित शासन प्रमुख को हटाने की एक फरवरी की बर्मा की सैन्य कार्रवाई, सैन्य तख्ता पलट के समान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका बर्मा में कानून के शासन और लोकतंत्र के सम्मान का समर्थन करता रहेगा। साथ ही वह बर्मा में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को पलटने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने के वास्ते क्षेत्र में और दुनियाभर में अपने साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।’’

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आकलन उन तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है कि म्यामां की सेना ने सत्तारूढ़ पार्टी की नेता सू ची और निर्वाचित सरकार के प्रमुख राष्ट्रपति विन मिंट को अपदस्थ कर दिया।

प्राइस ने कहा, ‘‘राज्य विदेश परिचालन और संबंधित कार्यक्रमों के वार्षिक विभाग विनियोग अधिनियम में एक सैन्य सरकार को कुछ सहायता प्रतिबंधित करने का प्रावधान हैं। हमने इन मापदंडों पर गौर किया है कि एक निर्वाचित शासन प्रमुख को सैन्य तख्तापलट कर हटाया गया और सेना ने इसमें निर्णायक भूमिका निभायी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ने बर्मा को वित्त वर्ष 2020 में द्विपक्षीय सहयोग के रूप में 13 करोड़ 50 लाख डॉलर मुहैया कराए है, जबकि इसका बहुत छोटा हिस्सा ही सरकार की मदद के लिए है। हम यहां बर्मा की सेना की कार्रवाई के लिए सैन्य नेताओं की जिम्मेदारी तय करने का काम तेजी से करने जा रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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