इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सलाह के बाद उन्होंने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया। एनडीटीवी ने द न्यूज डॉट कॉम के हवाले से यह जानकारी साझा की।
द न्यूज डॉट कॉम के अनुसार, खान ने हाल ही में एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि जनरल बाजवा ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की मौजूदगी में सुझाव दिया कि अगर पीटीआई प्रमुख चुनाव की मांग करते हैं, तो उन्हें पहले दोनों प्रांतों में अपनी सरकारों को भंग कर देना चाहिए। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख ने उन्हें बताया कि बाजवा शहबाज शरीफ को सत्ता में लाना चाहते हैं।
खान ने कहा, "जनरल बाजवा और [प्रीमियर इंटेलिजेंस] एजेंसी को पता था कि मौजूदा शासकों ने राष्ट्रीय खजाने से पैसा चुरा लिया है और इसे विदेश ले गए हैं। यह जानने के बावजूद, जनरल बाजवा उन्हें 'एनआरओ' देने को तैयार थे क्योंकि उन्होंने [खुद के लिए] विस्तार की योजना बनाई थी।" उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली को भंग कर देते हैं तो जुलाई में चुनाव हो सकते हैं।
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने ये भी कहा, "अगर प्रधानमंत्री विधानसभा भंग करते हैं तो जुलाई में चुनाव हो सकते हैं।" द न्यूज डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) दोनों में कार्यवाहक सरकारें अपने निर्धारित कार्यकाल की समाप्ति के बाद अवैध हैं। उन्होंने मांग की कि कार्यवाहक सरकार को समाप्त कर दिया जाए और एक नया तटस्थ अंतरिम सेटअप स्थापित किया जाए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब चुनाव के लिए 14 मई की तारीख दी है और उनकी पार्टी सरकार को इससे आगे नहीं जाने देगी। इमरान खान ने कहा, "अगर उन्हें लगता है कि वे [मौजूदा सरकार] सुप्रीम कोर्ट पर दबाव डालेंगे, तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। वे चुनाव से भागने के लिए शीर्ष अदालत को बदनाम करेंगे।"