लाहौर: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सैन्य खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के प्रमुखों द्वारा हाल ही में किये गये प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन पर लगाये आरोपों को मूर्खतापूर्ण बताया है। इमरान खान ने कहा कि सेना की ओर से लगाये गये सारे आरोप आधा झूठ और आधा सच है।
इमरान खान ने लाहौर से इस्लामाबाद मार्च शुरू करने के बाद बीते शुक्रवार को बीबीसी उर्दू के साथ बातचीत में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को अनिश्चित काल तक के लिए कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। इमरान ने कहा कि उस समय वो बात अलग और अब उसे अलग तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।
आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम और आईएसपीआर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार ने बीते गुरुवार को साझा प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इमरान खान पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए अपने खिलाफ पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में सेना प्रमुख बाजवा को साधने के लिए अनिश्चितकालीन एक्टेंशन देने का ऑफर दिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने सीधे आरोप लगाया कि इमरान खान ने मार्च में पीएम रहते हुए सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा को उनके कार्यकाल में विस्तार के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था, जिसे सेना प्रमुख द्वारा खारिज कर दिया गया था।
अब आरोपों के सिलसिले में इमरान खान ने भी खुलकर अपनी बात रखी है और कहा कहा, “उनके द्वारा लगाये गये आरोपों को रेफरेंस से बाहर कर दिया गया है कि हमने विस्तार के लिए एक प्रस्ताव दिया है। क्या आईएसआई चीफ ने बताया कि किस पक्ष ने सेना प्रमुख को पेशकश की थी? सेना प्रमुख के साथ मेरी चर्चा किस संदर्भ में हुई? अगर वे पूरी कहानी बताते हैं, तो मैं पक्के तौर से कह सकता हूं कि यह उनके लिए बेहद शर्मनाक होता।”
उन्होंने कहा, "आईएसआई और आईएसपीआर की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस बेहद अफसोसनाक है क्योंकि इससे पहले आईएसआई प्रमुख ने इस तरह से प्रेस वालों के साथ बात नहीं की थी। मैं उनके लगाये सभी आरोपों का जवाब दे सकता हूं, लेकिन वो सेना के लिए बेहद असहज करने वाला होगा।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "लेकिन मैं नहीं चाहता कि सेना को मेरे कारण कोई नुकसान हो क्योंकि हमारे दुश्मन चाहते हैं कि सेना कमजोर हो और इसका सीधा मतलब होगा कि पाकिस्तान कमजोर होगा।"
दरअसल आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने इमरान खान का नाम न लिये बिना उन पर बेहद संगीन आरोप लगाते हुए कहा, "यदि आप सेना प्रमुख को देशद्रोही के तौर पर देखते हैं, तो आप उनसे पिछले दरवाजे से क्यों मिलते हैं? ऐसा न करें आप कि पिछले दरवाजे से रात में चुपचाप मिले और उनसे अपनी असंवैधानिक इच्छाएं व्यक्त करते हैं लेकिन उन्हीं सेना प्रमुख को दिन के उजाले में देशद्रोही कहते हैं।”
सेना के इस हमले पर इमरान खान ने पलटवार करते हुए कहा, “जब तक आप सेना प्रमुख की प्रशंसा करें, वो आप से खुश रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो यह बेहद बचकाना होगा। आप अपने बच्चों की सराहना भी करते हैं लेकिन जब वो कुछ गलत करता है तो उनकी आलोचना भी करते हैं।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुल्क के तारीख में पहली बार आईएसआई प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और वो इस तरह के आरोपों के लिए, यह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि वो उम्मीद रखते हैं कि आईएसआई प्रमुख का इस तरह से प्रेस कांफ्रेंस करना सेना की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है और भविष्य में वह खुद को अपनी संवैधानिक भूमिका तक ही सीमित रखेंगे।