फ्रांस: इस्लाम को दोबारा परिभाषित करने के लिए नई संस्था का गठन, आलोचकों ने दक्षिणपंथी वोट हासिल करने का प्रयास बताया

By विशाल कुमार | Published: February 6, 2022 11:57 AM2022-02-06T11:57:39+5:302022-02-06T12:09:51+5:30

फोरम ऑफ इस्लाम, 2003 में गठित फ्रेंच काउंसिल फॉर मुस्लिम फेथ की जगह लेगा और इसके सभी सदस्यों का चुनाव सरकार खुद करेगी। इसका गठन जर्मन संस्था डॉयचे इस्लाम कॉन्फ्रेंस (डीआईके) की तर्ज पर किया गया है। चार कार्यकारी समूहों में बांटे गए इस संगठन की सालाना बैठक होगी।

france emmanuel macron islam reshape foreign influence | फ्रांस: इस्लाम को दोबारा परिभाषित करने के लिए नई संस्था का गठन, आलोचकों ने दक्षिणपंथी वोट हासिल करने का प्रयास बताया

फ्रांस: इस्लाम को दोबारा परिभाषित करने के लिए नई संस्था का गठन, आलोचकों ने दक्षिणपंथी वोट हासिल करने का प्रयास बताया

Highlightsफ्रांस के गृह मंत्री का कहना है कि हम इस्लाम पर विदेशी प्रभाव खत्म करना चाहते हैं।इस संस्था में धर्मगुरुओं से लेकर आम आदमी और महिलाएं शामिल हैं।आलोचको ने इसे दक्षिणपंथी वोटों को हासिल करने का प्रयास बताया।

पेरिस: फ्रांस ने देश में मुस्लिमों के जीवन को दोबारा से परिभाषित करने और इस्लाम को चरमपंथ से मुक्त करवाने के उद्देश्य से एक नई संस्था फोरम ऑफ इस्लाम का गठन किया है।

इस संस्था में धर्मगुरुओं से लेकर आम आदमी और पश्चिमी यूरोप में बड़े पैमाने पर मुस्लिम समुदाय का नेतृत्व करने वाली महिलाएं शामिल हैं। इसमें इमाम, नागरिक समाज के प्रभावशाली लोग, प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी और बड़े कारोबारी भी शामिल हैं।

बता दें कि, फ्रांस अभी भी इस्लामी चरमपंथियों के हमलों से जूझ रहा है, जिसमें पिछले एक दशक में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इसके साथ ही देश यह समझ पाने में भी नाकाम रहा है कि कैसे सैकड़ों फ्रांसीसी मुस्लिम सीरिया और इराक में आईएस से जुड़ने चले गए।

फोरम ऑफ इस्लाम, 2003 में गठित फ्रेंच काउंसिल फॉर मुस्लिम फेथ की जगह लेगा और इसके सभी सदस्यों का चुनाव सरकार खुद करेगी। इसका गठन जर्मन संस्था डॉयचे इस्लाम कॉन्फ्रेंस (डीआईके) की तर्ज पर किया गया है। चार कार्यकारी समूहों में बांटे गए इस संस्था की सालाना बैठक होगी। इसकी पहली बैठक अगले शनिवार को होगी।

फ्रांस के गृह मंत्री का कहना है कि हम इस्लाम पर विदेशी प्रभाव को एक क्रांति शुरू करके खत्म करना चाहते हैं।

इन सब के बीच, आलोचकों का मानना है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस संस्था के जरिए मुस्लिम समुदाय पर नियंत्रण करके दक्षिण पंथी वोटों को हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। पहले चरण के चुनाव में मैक्रों को धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ली पेन के साथ ही दो अन्य रूढ़ीवादी प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर मिली थी।

पिछले साल फ्रांसीसी संसद ने मस्जिदों, स्कूलों और स्पोर्ट्स क्लबों की निगरानी को मजबूत करने के लिए कट्टरपंथी इस्लामवादियों से उनकी रक्षा करने और धर्मनिरपेक्षता और महिलाओं के अधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक कानून को मंजूरी दी थी।

Web Title: france emmanuel macron islam reshape foreign influence

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