लाइव न्यूज़ :

सऊदी अरब ने नारीवाद, समलैंगिकता और नास्तिकता को बताया चरमपंथ, इसके पीछे है ये बड़ा कारण

By रामदीप मिश्रा | Updated: November 12, 2019 14:10 IST

सऊदी अरब में समलैंगिकता और नास्तिकता लंबे समय से दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने वाले लोगों को मौत की सजा और कठोर दंड दिया जाता है। साथ ही साथ सार्वजनिक विरोध और राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध है।

Open in App
ठळक मुद्देसऊदी अरब अपने देश में विदेशियों को आकर्षित करने के लिए हर समंभ प्रयास कर रहा है। वह अपनी तस्वीर सहिष्णुता की पेश कर रहा है। उसकी सुरक्षा ऐजेंसी ने एक ताजा वीडियो जारी किया है, जिसमें उसने नारीवाद, समलैंगिकता और नास्तिकता को चरमपंथी विचारों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

सऊदी अरब अपने देश में विदेशियों को आकर्षित करने के लिए हर समंभ प्रयास कर रहा है। वह अपनी तस्वीर सहिष्णुता की पेश कर रहा है। उसकी सुरक्षा ऐजेंसी ने एक ताजा वीडियो जारी किया है, जिसमें उसने नारीवाद, समलैंगिकता और नास्तिकता को चरमपंथी विचारों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

खबरों के अनुसार, सऊदी अरब की स्टेट सिक्योरिटी प्रेसीडेंसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक एनीमेटिड वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें अतिवाद (चरमपंथ) और विकृति के सभी रूप को अस्वीकार्य बताया गया है। इसने उन सिद्धांतों को लिकफिर के साथ सूचीबद्ध किया गया है जो उनके मुताबिक मेल नहीं खा रहे हैं।

वीडियो में कहा गया है कि यह मत भूलना कि देश की कीमत पर किसी भी ज्यादती को अतिवाद नहीं माना जाएगा। वो अतिवाद ही होगा। कहा जा रहा है कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस्लाम का उदार रूप और राष्ट्र भावना को आगे रख रहे हैं ताकि विदेशियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके। प्रिंस का मानना है कि देश तेल के ऊपर निर्भर न रहकर खुले समाज का सिद्धांत लागू किया जा सके।

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सामाजिक प्रतिबंधों पर नरमी बरती है और पर्यटक वीजा शुरू किया है। सऊदी अरब अगले साल 20 देशों के समूह की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। वहीं, रियाद ने एक अभिभावक प्रणाली को खत्म कर दिया। इसके तहत महिला को कोई भी फैसला लेने के लिए अपने रिश्तेदार की आवश्यकता होती थी। वह अपने जीवन में कोई भी अकेले फैसला नहीं ले सकती थी। इस प्रथा को खत्म करने का विरोध करने वाले आलोचकों, बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, ताकि समाज में असंतोष न पनपे।

सऊदी अरब में समलैंगिकता और नास्तिकता लंबे समय से दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने वाले लोगों को मौत की सजा और कठोर दंड दिया जाता है। साथ ही साथ सार्वजनिक विरोध और राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध है। इसके अलावा मीडिया को कसकर नियंत्रित किया गया है।

टॅग्स :सऊदी अरब
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSaudi Arabia bus crash: बस में 01 ही परिवार की 3 पीढ़ियों के 18 सदस्य सवार, पत्नी, बेटे, तीन बेटियों और पोते-पोतियों के साथ मदीना जा रहे थे शेख नजीरुद्दीन

भारतSaudi Tragedy: हैदराबाद से  54 जायरीन 9 नवंबर को जेद्दा गए थे और 23 नवंबर को लौटना था?, तेल टैंकर से टक्कर और 45 की मौत, वीडियो

भारतसऊदी अरब में मदीना के पास बस-टैंकर की टक्कर में 42 भारतीय उमराह यात्री के मारे जाने की आशंका

क्राइम अलर्ट7 अप्रैल को शादी और 26 अक्टूबर को दी जान?, वीडियो कॉल पर नवविवाहिता पत्नी से कहासुनी, सऊदी अरब में पति आस मोहम्मद अंसारी ने फांसी लगाई

विश्व2034 FIFA वर्ल्ड कप के लिए सऊदी अरब का बड़ा प्लान, आसमान में होंगे मैच, ज़मीन से 350 मीटर ऊपर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए