गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के ह्यूस्टन आने के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

By भाषा | Published: February 17, 2021 08:51 AM2021-02-17T08:51:21+5:302021-02-17T08:51:21+5:30

Events organized to mark the centenary of Gurudev Rabindra Nath Tagore's arrival in Houston | गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के ह्यूस्टन आने के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के ह्यूस्टन आने के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

ह्यूस्टन (अमेरिका), 17 फरवरी गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के फरवरी 1921 में ह्यूस्टन आने के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘टैगोर ग्रोव’ स्मारक पर जमा देने वाली ठंड के बीच कार्यक्रम आयोजित किया गया और इसी क्रम में गुरुदेव के संगीत और उनकी कविताओं का ऑनलाइन पाठ भी किया गया।

‘टैगोर सोसाइटी ऑफ ह्यूस्टन’ (टीएसएच) द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में ह्यूस्टन के महावाणिज्यदूत असीम महाजन, कुछ आमंत्रित अतिथियों और टीएसएच के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगाए गए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

‘टैगोर ग्रोव मेमोरियल’ में टैगोर की कांस्य प्रतिमा है, जिसका अनावरण 2013 में एनर्जी कॉरिडोर स्थित रे मिलर पार्क में किया गया था। यह गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगौर की छठी ऐसी आदमकद प्रतिमा है जो उनके जन्म स्थान कोलकाता से बाहर लगी हैं और अमेरिका में यह पहली ऐसी प्रतिमा है।

टीएसएच के अध्यक्ष गोपेंदु चक्रवर्ती के नेतृत्व में संस्था ने अतिथियों का स्वागत किया और टैगोर के सार्वभौमिकता और विश्व शांति के संदेश को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में अपने दूसरे अंतर महाद्वीपीय व्याख्यान दौरे में राइस विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए टैगोर ने एक सदी पहले ह्यूस्टन की यात्रा की थी। इसकी याद में कार्यक्रम आयोजित करना बेहद अच्छा है। इसने पूरे अमेरिका में उनके साहित्यिक और अन्य कार्यों में काफी रुचि पैदा की।’’

महाजन ने टैगोर के सीमारहित दुनिया के संदेश को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों और लोगों के बीच संपर्क गहरा करने के लिए वाणिज्य दूतावास मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित है।’’

टैगोर ग्रोव सार्वभौमिक शांति और प्रेम के प्रतीक के रूप में शहर में सभी समुदायों के लिए समर्पित है। ग्रोव जनता के लिए खोला जाएगा और टीएसएच लोगों के यहां आने और टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित करने का स्वागत करता है।

टैगोर पर व्याख्यान देने वाली श्रेया गुहाठाकुरता और वक्ता ब्रातती बंदोपाध्याय ने रविवार को टैगोर की रचनाओं का पाठ किया और दुनिया भर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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