ट्रंप की धमकी, भारत को और झेलने होंगे प्रतिबंध, जानें रूसी तेल खरीद मामले में क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2025 09:57 IST2025-08-07T09:56:15+5:302025-08-07T09:57:29+5:30

Donald Trump: ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि उनका शुल्क कम है।

Donald Trump said India is too close to China in terms of buying Russian oil will see additional sanctions | ट्रंप की धमकी, भारत को और झेलने होंगे प्रतिबंध, जानें रूसी तेल खरीद मामले में क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

ट्रंप की धमकी, भारत को और झेलने होंगे प्रतिबंध, जानें रूसी तेल खरीद मामले में क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, रूस से तेल खरीद के मामले में चीन के ‘‘बहुत करीब’’ है और उसे 50 प्रतिशत शुल्क देना होगा। साथ ही ट्रंप ने संकेत दिया कि ‘‘अतिरिक्त प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।’’ ट्रंप ने बुधवार को ‘ओवल कार्यालय’ (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय) में कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमने तेल को लेकर भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है। वे दूसरे सबसे बड़े खरीदार हैं और रूस से तेल खरीद के मामले में चीन के बहुत करीब हैं।’’

ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के शासकीय आदेश पर बुधवार को हस्ताक्षर किए थे। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला शुल्क अब बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है, जो कि किसी भी देश पर अमेरिका द्वारा लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है। ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह ही भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी जो सात अगस्त से प्रभावी हो गया है।

अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 21 दिनों बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा। ‘व्हाइट हाउस’ के एक कार्यक्रम में ट्रंप के साथ एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक, उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक भी मौजूद थे। इस दौरान एप्पल ने घोषणा की कि वह अगले चार वर्षों में अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगी।

इस कार्यक्रम के दौरान ट्रंप से भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क के बारे में कई सवाल पूछे गए। जब ट्रंप से पूछा गया कि अगर वह यूक्रेन और रूस के साथ कोई समझौता कर लेते हैं, तो क्या वह भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क हटा लेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम बाद में इस पर फैसला करेंगे, लेकिन फिलहाल वे 50 प्रतिशत शुल्क देंगे।’’ इसके बाद ट्रंप को बताया गया कि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चीन जैसे अन्य देश भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘ठीक है।’’

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने केवल भारत पर ही अतिरिक्त शुल्क क्यों लगाया तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अभी केवल आठ घंटे ही हुए हैं, तो देखते हैं आगे क्या होता है... आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपको अतिरिक्त प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।’’

अमेरिका ने यह अतिरिक्त शुल्क या दंडात्मक शुल्क केवल भारत पर लगाया है, जबकि चीन और तुर्किये जैसे अन्य खरीदार अब तक ऐसे शुल्कों से बचे हुए हैं। चीन पर 30 प्रतिशत और तुर्किये पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है, जो भारत के 50 प्रतिशत शुल्क से कम है। भारत पर लगाए गए इन अतिरिक्त दंडात्मक शुल्कों के बारे में पूछे जाने पर और क्या वह चीन पर भी ऐसे ही और शुल्क लगाने की योजना बना रहे हैं, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘हो सकता है, यह इस पर निर्भर करता है कि हम क्या करते हैं।’’

चीन द्वारा रूसी तेल की खरीद पर संभावित शुल्क लगाए जाने के एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘यह हो सकता है, मैं नहीं जानता, अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। हमने भारत के साथ ऐसा किया। हम शायद कुछ और देशों के साथ ऐसा कर रहे हैं। उनमें से एक चीन भी हो सकता है।’’

ट्रंप के अतिरिक्त शुल्क लगाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह ‘‘अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है।’’ उसने कहा कि अमेरिका ने रूस से तेल आयात को लेकर हाल ही में भारत को निशाना बनाया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम दोहराते हैं कि ये कार्रवाई अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक है।’’ उसने कहा कि अमेरिका ने हाल के दिनों में रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। वहीं, शासकीय आदेश में ट्रंप ने कहा था, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत सरकार इस समय प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रूसी संघ से तेल आयात कर रही है। इसलिए, और लागू कानून के मुताबिक अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में आयातित भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की अतिरिक्त शुल्क दर लागू होगी।’’

भारत अपनी जरूरत का लगभग 88 प्रतिशत कच्चा तेल विदेश से खरीदता है। भारत 2021 तक आयातित कुल कच्चे तेल का मुश्किल से 0.2 प्रतिशत ही रूस से खरीदता था। लेकिन रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत ने जुलाई में प्रतिदिन लगभग 50 लाख बैरल तेल का आयात किया, जिसमें से 16 लाख बैरल रूस से आया। नए शुल्क के बाद, अमेरिका में भारत एवं ब्राजील के उत्पादों पर सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा।

ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि उनका शुल्क कम है। अमेरिका ने म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलीपींस और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिकी दल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाला है। 

Web Title: Donald Trump said India is too close to China in terms of buying Russian oil will see additional sanctions

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