नेपाल में बुधवार शाम 5 बजे से गुरुवा सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू, संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, सुप्रीम कोर्ट को किया आग के हवाले

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2025 18:48 IST2025-09-10T18:47:17+5:302025-09-10T18:48:14+5:30

शभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश बुधवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।

Curfew Nepal from 5 pm Wednesday to 6 am Thursday Parliament House President's Office, Prime Minister's residence, government buildings, Supreme Court set fire | नेपाल में बुधवार शाम 5 बजे से गुरुवा सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू, संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, सुप्रीम कोर्ट को किया आग के हवाले

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Highlightsलोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।प्रदर्शन की आड़ में’’ लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं।

काठमांडूः नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण के पी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया है। देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश बुधवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।

सेना ने सड़कों पर पहरा दिया और लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।

सेना ने कहा कि ‘‘प्रदर्शन की आड़ में’’ लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उचित तरीके से उससे निपटा जाएगा।

बयान में कहा गया है, ‘‘बलात्कार और हिंसक हमलों का भी खतरा है। देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।’’ बयान में स्पष्ट किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी।

सेना ने एक बयान में कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की, जो ‘‘कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं’’ और ‘‘आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’ नेपाल सेना मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लूटपाट और तोड़फोड़ सहित किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अपने सैनिकों को तैनात किया है।’’

सेना ने अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति के कारण फंसे विदेशी नागरिक बचाव या किसी अन्य सहायता के लिए निकटतम सुरक्षा चौकी या कर्मियों से संपर्क करें। सेना ने होटलों, पर्यटन उद्यमियों और संबंधित एजेंसियों से भी अनुरोध किया है कि वे ज़रूरतमंद विदेशी नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करें।

उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों ने निवासियों को यह आदेश भी जारी किया है कि वे ‘‘अत्यंत आवश्यक’’ न होने तक घर से बाहर न निकलें, ताकि आगे अशांति को रोका जा सके। सुबह से ही काठमांडू की चहल-पहल वाली सड़कें वीरान दिखीं। कुछ ही लोग घरों से बाहर निकले और वह भी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए।

सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों की कड़ी गश्त है और मंगलवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकारी और निजी इमारतों में लगा दी गई आग को बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां देखी गईं। सेना ने लोगों से छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान लूटी गई या मिली बंदूकें, हथियार और गोलियां नज़दीकी पुलिस चौकी या सुरक्षाकर्मियों को लौटाने का भी आग्रह किया।

सेना ने एक अन्य बयान में कहा, ‘‘चूंकि ऐसे हथियारों के दुरुपयोग की आशंका है, इसलिए कृपया अधिकारियों को सूचित करें और उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा एजेंसियों को लौटा दें।’’ सेना ने चेतावनी दी कि अगर किसी के भी पास ऐसे हथियार या गोला-बारूद बरामद किए गए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सेना ने नागरिकों से ‘‘इस संवेदनशील अवधि में सेना की वर्दी न पहनने’’ की भी अपील की, क्योंकि ‘‘ऐसा करना गैरकानूनी है।’’ काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (टीआईए) बुधवार को बंद कर दिया गया और अगली सूचना तक बंद रहेगा। मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं आंशिक रूप से निलंबित कर दी गई थीं।

एक सार्वजनिक नोटिस में हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि यह बंद मौजूदा गंभीर स्थिति के कारण है। उन्होंने यात्रियों और हितधारकों से अद्यतन जानकारी का इंतजार करने का आग्रह किया। समाचार पोर्टल ‘खबरहब’ के अनुसार, इससे पहले टीआईए ने बुधवार शाम छह बजे तक सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन अब पुनः खोलने की कोई समय-सीमा तय किए बिना ही परिचालन रोक दिया गया है। हवाई अड्डे को बंद करने का असर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों पर पड़ा है, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए हैं।

एयरलाइनों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे ताजा जानकारी के लिए अपनी-अपनी एयरलाइन कंपनियों के संपर्क में रहें। भारत में नयी दिल्ली और काठमांडू के बीच प्रतिदिन छह उड़ानें संचालित करने वाली एअर इंडिया ने मंगलवार को चार उड़ानें रद्द कर दीं। इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने भी दिल्ली से काठमांडू के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दीं।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभियान के दौरान काठमांडू के चाबाहिल, बौद्ध और गौशाला इलाकों में व्यक्तियों के पास से 3.37 लाख रुपये नकद, 31 हथियार, मैगजीन और गोलियां बरामद की गईं।

सेना ने जनता से शांति बहाल करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने नेपाल के घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वह ‘‘स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं’’ और ‘‘लोगों की जान जाने से उन्हें गहरा दुख हुआ है।’’ उन्होंने मौतों की गहन एवं स्वतंत्र जांच का आह्वान किया तथा अधिकारियों से मानवाधिकार कानून का पालन करने, संयम बरतने तथा वार्ता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 20 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे। ओली ने इसके तुरंत बाद मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था। हालांकि, ओली के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा।

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