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अमेरिका-कनाडा के राजनयिकों में दिखे अजीबो-गरीब लक्षण, गहरा गया क्यूबा का और बड़ा रहस्य

By भाषा | Updated: July 24, 2019 13:23 IST

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एडवांस एमआरआई में पाया कि स्वस्थ लोगों के मुकाबले हवाना में तैनाती के दौरान उन लक्षणों के शिकार रहे लोगों के मस्तिष्क में व्हाइट मैटर कम है और कुछ अन्य संरचनात्मक बदलाव भी हैं। इन कर्मचारियों को संतुलन खोने, सोने में दिक्कत, सोचने में समस्या, सिर में दर्द और अन्य दिक्कतें थीं।

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ठळक मुद्देक्यूबा की राजधानी हवाना में 2016 से 2018 के बीच नियुक्त रहे अमेरिका और कनाडा के राजनयिकों में दिखे अजीबो-गरीब लक्षणों का रहस्य और गहरा गया है।न अमेरिकी राजनयिकों के मस्तिष्क का एडवांस एमआरआई दिखाता है कि उसमें कुछ अजीब बदलाव हैं जो किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण नहीं हुए हैं।

क्यूबा की राजधानी हवाना में 2016 से 2018 के बीच नियुक्त रहे अमेरिका और कनाडा के राजनयिकों में दिखे अजीबो-गरीब लक्षणों का रहस्य और गहरा गया है। इन अमेरिकी राजनयिकों के मस्तिष्क का एडवांस एमआरआई दिखाता है कि उसमें कुछ अजीब बदलाव हैं जो किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण नहीं हुए हैं।पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एडवांस एमआरआई में पाया कि स्वस्थ लोगों के मुकाबले हवाना में तैनाती के दौरान उन लक्षणों के शिकार रहे लोगों के मस्तिष्क में व्हाइट मैटर कम है और कुछ अन्य संरचनात्मक बदलाव भी हैं। इन कर्मचारियों को संतुलन खोने, सोने में दिक्कत, सोचने में समस्या, सिर में दर्द और अन्य दिक्कतें थीं। इन्हें देखते हुए अंदाजा लगाया गया था कि ‘ब्रेन स्टेम’ के पास सेरेबेलम प्रभावित हुआ होगा, लेकिन इसके उलट एमआरआई में उन्होंने मस्तिष्क को जोड़ने वाले उत्तकों के पैटर्न में काफी फर्क देखा।विश्वविद्यालय की ब्रेन इमेजिंग विशेषज्ञ और मुख्य अध्ययनकर्ता रागिनी वर्मा का कहना है कि इन राजनयिकों के मस्तिष्क में उत्तकों का पैटर्न किसी भी बीमारी या जख्म के कारण बनने वाले पैटर्न से बहुत अलग है। वर्मा ने कहा, ‘‘यह बहुत अजीब है। यह वाकई में मेडिकल का रहस्य है।’’ इस अध्ययन पर साथ काम करने वाले और पेन में ‘ब्रेन इंजरी’ विशेषज्ञ डॉक्टर रैंडल स्वानसन का कहना है कि इसमें दो राय नहीं है कि कुछ हुआ है, लेकिन इमेजिंग के जरिए यह तय नहीं किया जा सकता कि क्या हुआ है।हालांकि एक अन्य विशेषज्ञ एवं एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजिस्ट जॉन स्टोन का कहना है कि अध्ययन से इसकी पुष्टि नहीं होती है कि मस्तिष्क में कोई चोट आयी है और न ही इसकी पुष्टि होती है कि मस्तिष्क में जो फर्क आया है, वह क्यूबा में राजनयिकों को महसूस हुई अजीबो-गरीब चीजों के कारण है।स्टोन अध्ययन में शामिल नहीं थे। क्यूबा ने हालांकि किसी भी तरह के हमले से इनकार किया है लेकिन इस घटना ने अमेरिका के साथ उसके संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। इस संबंध में अमेरिकी मामलों के क्यूबा के उपप्रमुख जोहान तबाल्दा का कहना है, ‘‘आज प्रकाशित लेख से हालात में कोई बदलाव नहीं आया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेख में कहा गया है कि जो बदलाव आए हैं वे बहुत कम हैं। उनके निष्कर्ष अनिश्चित हैं। वे कारणों की पहचान भी नहीं कर सके हैं।’’ यह अध्ययन मंगलवार को ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में प्रकाशित हुआ है।इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि उसे अध्ययन की जानकारी है। वह इस बेहद जटिल मुद्दे पर चर्चा के लिए मेडिकल समुदाय को धन्यवाद देता है, लेकिन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता अपने कर्मचारियों की रक्षा, सुरक्षा और कल्याण है। 2016 से 2018 के बीच हवाना में नियुक्त अमेरिका और कनाडा के कई राजनयिकों को अज्ञात कारणों से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आयीं। अमेरिका सरकार का कहना है कि उसके 26 कर्मचारी इससे प्रभावित हुए थे। 

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