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शहरों की निगरानी कर रहा चीनी 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स', दुनिया के लिए बना खतराः रिपोर्ट

By अनिल शर्मा | Updated: February 4, 2023 08:33 IST

अमेरिका की तरफ से उनकी डिजाइन संबंधी खामियों के कारण प्रतिबंधित किया जा रहा है क्योंकि इसमें डेटा हासिल करने की अनुमति दी जाती है।

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ठळक मुद्दे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) भौतिक वस्तुओं के नेटवर्क की जानकारी देता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल कई उपकरणों में तेजी से हो रहा है।

बीजिंग: महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे और प्रमुख उद्योगों में  चीनी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) मॉड्यूल दुनियाभर के लिए खतरा बनता जा रहा है। यह मॉड्यूल जासूसी को सक्षम बनाता है जिससे किसी भी स्मार्ट शहर में हो रही गतिविधि पर विस्तृत निगरानी रख सकता है। पोर्टल प्लस ने कहा है कि यह दुनिया के लिए खतरा।

 इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) भौतिक वस्तुओं के नेटवर्क की जानकारी देता है। गौरतलब है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इंटरनेट पर अन्य उपकरणों और प्रणालियों के साथ डेटा को जोड़ने और आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से सॉफ्टवेयर, सेंसर और अन्य तकनीकों के साथ एम्बेडेड है, ऐसे में इसके खतरे को लेकर कई देश सतर्क है।

अमेरिका की तरफ से उनकी डिजाइन संबंधी खामियों के कारण प्रतिबंधित किया जा रहा है क्योंकि इसमें डेटा हासिल करने की अनुमति दी जाती है।

पोर्टल प्लस के मुताबिक, यह चीनी खुफिया सेवाएं सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक सिस्टम में एम्बेडेड IoT मॉड्यूल द्वारा अमेरिका में निर्मित हथियारों के बारे में पता लगाने- कितने स्पेयर पार्ट्स या हथियार प्रणालियों को ले जाया गया है और कहां तक पहुंचाया गया है" की एक चिंताजनक सटीक तस्वीर बनाने में सक्षम हो सकती है। 

चीन सरकारी प्रणालियों और IoT मॉड्यूल उपकरणों की मदद से व्यक्तियों की बातचीत, जैसे कार कंप्यूटर, घरेलू उपकरण या पहनने योग्य उपकरणों द्वारा एकत्र किए डेटा को एक्सेस कर सकता है। और उनकी पहचान, आदतों, संपर्कों का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग कर सकता है। 

IoT मॉड्यूल खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की उठ रही मांग

ब्रिटिश राजनयिक चार्ल्स पैट्रोन ने कहा कि देशों को जल्द से जल्द अपनी आपूर्ति शृंखलाओं से चीनी IoT मॉड्यूल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए और सरकारी संपत्तियों और सेवाओं और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचे में ये मॉड्यूल कहाँ एम्बेडेड हैं, इसका गहन ऑडिट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक नए चीनी IoT मॉड्यूल खरीदने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और 2025 के अंत तक मौजूदा उत्पादों को बदलने के लिए एक समय सीमा जारी की जानी चाहिए, पोर्टल प्लस ने बताया।

रिपोर्ट के मुताबिक, तीन चीनी कंपनियों - Quectel, Fibocom और China Mobile - के पास पहले से ही उपकरणों में वैश्विक बाजार का 54 प्रतिशत और 75 प्रतिशत कनेक्टिविटी है। तीन चीनी फर्मों के ग्राहकों में कंप्यूटिंग फर्म डेल, लेनोवो, एचपी और इंटेल, कार निर्माता टेस्ला और कार्ड भुगतान फर्म Sumup शामिल हैं।

एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, सभी चीनी फर्मों की तरह, यदि उन्हें आदेश दिया जाता है, तो उन्हें उपकरणों से प्राप्त डेटा चीनी सरकार को सौंपना होगा। जिसका मतलब है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को जितने चाहें उतने उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो सकती है।

किन उपकरणों में ये चीनी मॉड्यूल इस्तेमाल होता है: लैपटॉप कंप्यूटर; आवाज नियंत्रित स्मार्ट स्पीकर; स्मार्ट घड़ियाँ; स्मार्ट ऊर्जा मीटर; फ्रिज, लाइट बल्ब, शरीर में पहने जाने वाले पुलिस कैमरे; डोरबेल कैमरे और सुरक्षा कैमरे; बैंक कार्ड भुगतान मशीन, कार और यहां तक कि हॉट टब और अन्य उपकरण जिन्हें ऐप के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।

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