मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश से लगी अपनी सीमा में टेलीकम्युनिशेन टॉवर पर जासूसी के उपकरण लगा रखा है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार चीन के तातु में ये टॉवर स्थित है जो अरुणाचल प्रदेश के किबितु के दूसरी तरफ स्थित है। रिपोर्ट के अनुसार चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के दूसरी तरफ स्थायी इमारतों का निर्माण किया है।
चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर दावा जताता रहा है जबकि भारत सरकार उसके दावों को कई बार गलत बता चुकी है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ नागरिकों को स्टैपल वीजा दिए जाने को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद होता रहा है।
भारत सरकार ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहाँ आने वाले सैलानियों को दो के बजाय पाँच साल का इनर-लाइन परमिट देने का प्रस्ताव दिया है। भारत के संवेदनशील सीमार्वती इलाकों या राज्यों में सैलानियों को विशेष परमिट (इजाजत) लेना पड़ता है।
अरुणाचल प्रदेश तिब्बत से लगा हुआ है। तिब्बत खुद को स्वतंत्र देश बताता है जबकि चीन उसे अपना हिस्सा बताता है। तिब्बत के नेता दलाई लामा करीब छह दशकों से भारत में शरण लिए हुए हैं। चीन दलाई लामा की भारत में मौजूदगी को लेकर भी सवाल उठाता रहा है।