नई दिल्ली: यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच रूस को चीन के रूप में एक बड़ा साथी मिला है। चीन रूस को अपने रक्षा औद्योगिक ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ाने में मदद कर रहा है। बताया जा रहा है कि रूस अब सोवियत काल के बाद से सैन्य विनिर्माण में अपना सबसे महत्वाकांक्षी विस्तार कर रहा है।
सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में बिडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि चीनी और रूसी साझेदार रूस के अंदर ड्रोन का उत्पादन करने के लिए संयुक्त रूप से भी काम कर रहे हैं। इस समय यूक्रेन की सेना उपकरणों और हथियारों की कमी से जूझ रही है। रूस भी हथियारों की कमी से जूझ रहा है लेकिन चीन के समर्थन से यूक्रेन पर हमला जारी रखने में रूस को मदद मिली है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बाईडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन का समर्थन करने के लिए इस समय हमारे पास उपलब्ध सबसे गेम चेंजिंग कदमों में से एक चीन को इस बात के लिए राजी करना है कि वह रूस को अपने सैन्य औद्योगिक आधार के पुनर्गठन में मदद करना बंद करे। इस समय चीनी सामग्री रूस के रक्षा उत्पादन चक्र में महत्वपूर्ण अंतराल को भर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह अमेरिकी यूरोपीय कमान के कमांडर जनरल क्रिस कैवोली ने सांसदों को बताया कि 2 साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस अपनी सेना को पुनर्गठित करने में "काफी सफल" रहा है, और इसकी क्षमता काफी हद तक बढ़ गई है और वापस आक्रमण से पहले जैसी हो गई है। अमेरिकी अधिकारी अब स्पष्ट कर रहे हैं कि उस तीव्र निर्माण के लिए चीन काफी हद तक जिम्मेदार है।
ये रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रुकवाने और शांति बहाल करने के लिए स्विट्जरलैंड की सरकार ने जून महीने में एक सम्मेलन बुलाने का फैसला किया है। इसमें दुनिया भर के राष्ट्र प्रमुखों को शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। स्विट्जरलैंड में होने वाले इस शांति सम्मेलन के लिए भारत को भी आमंत्रित किया गया है। इसकी प्रस्तावित तारीखें 15 और 16 जून हैं।
हालांकि इस आयोजन से रूस खुश नहीं है और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कहा है कि यूक्रेन में लड़ाई समाप्त करने के लिए संभावित वार्ता केवल तभी सफल हो सकती है जब मॉस्को के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जब तक रूस के लक्ष्य पूरे नहीं होंगे तब तक यूक्रेन में शांति नहीं होगी।