कोविड-19 के बहाने चीन को मिला नागरिकों पर शिकंजा कसने का मौका

By भाषा | Published: August 31, 2021 01:38 PM2021-08-31T13:38:45+5:302021-08-31T13:38:45+5:30

China got a chance to clamp down on citizens on the pretext of Kovid-19 | कोविड-19 के बहाने चीन को मिला नागरिकों पर शिकंजा कसने का मौका

कोविड-19 के बहाने चीन को मिला नागरिकों पर शिकंजा कसने का मौका

(आसमा बरनोट, स्यू ट्रेवास्केस, ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी और एलेक्जेंडर गोइक, यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग) वोलोंगोंग (ऑस्ट्रेलिया), 31 अगस्त (द कन्वरसेशन) चीन ने कोविड-19 का पता लगाने और इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिये बड़े आंकड़े का इस्तेमाल किया है। इसमें नयी प्रौद्योगिकियों के निर्माण और देश भर में पहले से ही मौजूद व्यापक निगरानी बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल किया जाना शामिल है। हमारे हाल के अध्ययन में हमने दिखाया है कि कैसे चीन की सर्वोच्च सरकारी प्रशासनिक इकाई स्टेट काउंसिल उन नयी क्षमताओं में से कुछ को बरकरार रखकर राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निगरानी की योजना बना रही है। इससे लंबी अवधि में नागरिकों की कड़ी निगरानी किये जाने की संभावना है।चीन में, महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए, देश भर में लोगों की कोविड स्थिति और आवाजाही की निगरानी के लिए शुरू में एकत्र किए गए बड़े आंकड़े का उपयोग किया गया है। पूर्वी चीन में हाल ही में संक्रमण में वृद्धि के बावजूद, चीनी सरकार इसे रोकने में काफी सफल रही है। लेकिन महामारी के बहाने प्राधिकारियों को देश में समग्र निगरानी तंत्र स्थापित करने का मौका मिल गया है। इसके जरिये अधिाकरियों ने निगरानी तंत्र को और अधिक मजबूत बना दिया है। प्राधिकारी कोविड संकट को लेकर नागरिकों की प्रतिक्रिया से बचने के लिये इस निगरानी तंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। कैसे काम करती है चीन की कोविड निगरानी प्रणाली?महामारी के दौरान व्यापक निगरानी को अधिक सक्षम बनाने के लिए दो प्रमुख बदलाव हुए हैं।पहला, महामारी नियंत्रण से संबंधित बड़े आंकड़े एकत्र करने और निगरानी करने के लिए एक अधिक मजबूत प्रणाली का निर्माण किया गया है। दूसरा, इन आंकड़ों को प्रांतीय स्तरों पर एकत्रित कर एक राष्ट्रीय, एकीकृत मंच पर स्थानांतरित कर दिया गया जहां उनका विश्लेषण किया गया। इस दौरान हर उस व्यक्ति का विश्लेषण किया गया, जिसके कोविड-19 की चपेट में आने की संभावना थी। यह तंत्र इस तरह काम करता है। हर रात चीन के नागरिकों उनके मोबाइल फोन पर एक क्यूआर कोड मिलता है, जिसे हेल्थ कोड कहा जाता है। इस कोड पर उपयोगकर्ताओं को एक विशेष ऐप पर अपनी निजी जानकारी अपलोड करनी होती है ताकि उनकी पहचान (जैसे उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या और बायोमीट्रिक सैल्फी), शरीर के तापमान, कोई भी कोविड लक्षण और हालिया यात्रा इतिहास को सत्यापित किया जा सके।इसके बाद यह तंत्र इस बात का आकलन करता है कि क्या वे किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में तो नहीं आए। यदि उपयोगकर्ताओं को उनके फ़ोन पर एक हरा कोड प्राप्त होता है, तो माना जाता है कि वे ठीक हैं। लेकिन अगर ऑरेंज कोड मिलता है तो इसका मतलब होता है कि उन्हें अनिवार्य रूप से सात दिन घर में पृथक वास में रहना है। लाल कोड प्राप्त होने पर 14 दिन तक घर में पृथक वास में रहना होता है। हालांकि यह प्रणाली पूरी तरह से ठीक नहीं है। कुछ लोगों को संदेह है कि उनके पास इसलिये लाल कोड भेजे गए क्योंकि वे कोविड-19 के केन्द्र यानी हुबई प्रांत से थे। साथ ही उनका यह सवाल भी है कि उनके कोड एक दिन में लाल कोड में कैसे बदल सकते हैं। इस तरह आंकड़े एकत्रित किये जाने के बार में क्या सोचते हैं चीनी नागरिक? कई अध्ययनों से पता चलता है कि भले ही इस तंत्र को निजी जीवन में घुसपैठ कहा जाए, लेकिन सरकार द्वारा नियंत्रित इस व्यापक निगरानी को लोगों का समर्थन हासिल है क्योंकि यह महामारी को नियंत्रित करने में प्रभावी साबित हुआ है। एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि जनता ने इस व्यापक आंकड़ा संग्रह को सकारात्मक माना, जिससे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की वैधता को मजबूत करने में मदद मिली।दूसरी ओर, चीन में स्वास्थ्य कोड को फिर से तैयार करने और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने की संभावना पर कुछ सार्वजनिक प्रतिरोध हुआ है। हांग्जो शहर फरवरी 2020 में स्वास्थ्य कोड लागू करने वाला पहला शहर था। हालांकि, मई 2020 में जब नगरपालिका सरकार ने महामारी के बाद अन्य उपयोगों (जैसे लोगों की जीवन शैली पर नजर रखने के लिये) के लिए ऐप का फिर से उपयोग करने का प्रस्ताव रखा, तो इसका मजबूती से विरोध किया गया। इन प्रणालियों को अन्य उद्देश्यों के लिये किस तरह इस्तेमाल किया जाता है? इस प्रणाली के जरिये लोगों की हर हरकत पर नजर रखी जा सकती है। ऐसी प्रणालियों से सरकार या प्रशासन किसी भी आदेश का विरोध करने वाले व्यक्ति या समूह को आसानी से निशाना बना सकते हैं। किसी व्यक्ति के बारे में पहले से ही सारी जानकारी होने पर उसे निशाना बनाया जाना आसान हो जाता है। इससे किसी व्यक्ति की निजता को भी खतरा रहता है। उदाहरण के लिए, मार्च 2020 में गुआंग्शी स्वायत्त क्षेत्र में, पार्टी के एक सदस्य ने ''ऐसे लोगों की खोज करने'' के लिए महामारी निगरानी का उपयोग करने का सुझाव दिया जिनके बारे में पहले जानकारी नहीं थी। इसके जरिये स्वास्थ्य सेवा को सुरक्षा हथकंडे के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।

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Web Title: China got a chance to clamp down on citizens on the pretext of Kovid-19

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