इस्लामाबाद: वित्तीय संकट और खराब अर्थव्यवस्था के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए चीन से राहत की खबर आई है। दरअसल, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार को बताया कि चाइना डेवलपमेंट बैंक (सीडीबी) ने पाकिस्तान के लिए 700 मिलियन डॉलर (57,977,853,500.00, भारतीय रुपये में) के ऋण को मंजूरी दे दी है और इस संबंध में सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। डार ने ट्विटर पर लिखा, 'स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को इस सप्ताह पैसा मिलने की उम्मीद है, जो देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद करेगा।'
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा चीन से ही कर्ज ले रखा है। पाकिस्तान इस समय बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है और अप्रत्याशित महंगाई ने भी लोगों को परेशान कर रखा है। पाकिस्तान को इस समय पैसों की सख्त जरूरत है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर करीब 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इस आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान के पास मुश्किल से तीन सप्ताह के आयात के लिए पैसा बचा है।
खराब हालात के बीच पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अभी एक आर्थिक बेलआउट के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ लगातार बातचीत कर रही है। माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज आईएमएफ से मिलता है तो उसकी अर्थव्यवस्था कुछ हद तक पटरी पर लौट सकती है। हालांकि इस बेलआउट पैकेज के बदले आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कई सख्त शर्तें रखी हैं।
गौरतलब है कि नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का चालू खाते का घाटा (कैड) जनवरी में 90.2 प्रतिशत घटकर 24 करोड़ डॉलर रह गया, जो पिछले साल समान महीने में 2.47 अरब डॉलर था। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के अनुसार चालू खाते का घाटा जनवरी, 2023 में 24 करोड़ दर्ज किया गया, जबकि जनवरी, 2022 में यह 2.5 अरब डॉलर था। दिसंबर में चालू खाते का घाटा 29 करोड़ डॉलर रहा था।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान, श्रीलंका की तरह दिवालिया होने के करीब पहुंच रहा है और गहरे कर्ज में डूबे अफ्रीकी देश भी चीन के लिए एक तरह का संकट बन रहे हैं। कर्ज चूक से चीन को भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी अर्थव्यवस्था सुस्ती का सामना कर रही है।