अमेरिका राष्ट्रपति चुनावः जो बाइडेन का आरोप- रूस और चीन चुनाव में हस्तक्षेप करने की कर रहे हैं कोशिश
By भाषा | Published: July 18, 2020 09:55 AM2020-07-18T09:55:42+5:302020-07-18T09:55:42+5:30
डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन ने फिर आरोप लगाया कि ट्रंप डाक विभाग का वित्त पोषण रोकने की कोशिश कर सकते हैं ताकि वे मतपत्रों से चुनाव न करा सकें।
वाशिंगटनः अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा कि उन्हें ऐसी खुफिया सूचना मिली है कि रूस, चीन तथा अन्य शत्रु देश नवंबर में होने वाले चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं। बाइडेन ने निधि जुटाने के लिए एक डिजिटल कार्यक्रम को शुक्रवार रात संबोधित करते हुए यह बात कही। हालांकि उन्होंने किसी तरह का कोई सबूत या सटीक जानकारी नहीं दी।
बाइडेन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘...मैं अब जानता हूं कि क्योंकि मुझे फिर से गोपनीय सूचना मिल रही है। रूस अब भी इसमें लगा हुआ है। वह हमारी चुनाव प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन और अन्य देश भी इसमें लगे हुए हैं।’’
व्हाइट हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बाइडेन के बयान पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। फोन करने पर बाइडेन के प्रवक्ता ने और जानकारियां अभी देने से इनकार कर दिया। साथ ही, बाइडेन ने फिर आरोप लगाया कि ट्रंप डाक विभाग का वित्त पोषण रोकने की कोशिश कर सकते हैं ताकि वे मतपत्रों से चुनाव न करा सकें।
ट्रंप-बाइडेन की जुबानी जंग
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट जो बाइडेन चीन के खिलाफ जुबानी जंग में एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे हुए हैं। दोनों ही यह दर्शाना चाहते हैं कि वे चीन संबंधित मामलों में बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। ट्रंप के चुनावी अभियान प्रबंधकों ने इस तरह के विज्ञापन निकाले हैं, जिनमें बाइडेन चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की आवभगत में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ बाइडेन के चुनावी अभियान की ओर से ट्रंप को कोरोना वायरस को हल्के में लेते हुए महामारी के बारे में पारदर्शी रहने को लेकर चिनफिंग की सराहना करते हुए दिखाया गया है। जबकि, यह स्पष्ट है कि चीन ने महामारी के बारे में दुनिया के सामने विवरण देर से साझा किए।
अमेरिका नागरिकों में चीन को लेकर गुस्सा
अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के बाद किए गए एक सर्वे में अमेरिकी नागरिकों का गुस्सा उभर कर चीन के खिलाफ सामने आया था। इसके मुताबिक, 66 फीसदी लोगों ने चीन के खिलाफ नकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। वर्ष 2005 के बाद से यह चीन के खिलाफ अमेरिकी लोगों की सबसे खराब प्रतिक्रिया रही। ऐसे में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में संभावित उम्मीदवार चीन के खिलाफ खुद को एक-दूसरे से बेहतर विकल्प साबित करने में लग गए हैं।