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Bangladesh crisis: लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा- 'शेख हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए उन्हें बांग्लादेश से निकाला था, आज खुद उसी स्थिति में'

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 6, 2024 12:37 IST

Bangladesh crisis: तस्लीमा नसरीन अपने प्रगतिशील लेखन के लिए बांग्लादेशी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं। वह फिलहाल भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उन्होंने "इस्लामवादियों को बढ़ने" और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पालने-पोसने के लिए शेख हसीना की आलोचना की।

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ठळक मुद्देशेख हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए मुझे बांग्लादेश से निकाला था - तस्लीमा नसरीनवह अपनी स्थिति के लिए जिम्मेदार थीं, उन्होंने इस्लामवादियों को बढ़ने दिया - तस्लीमा नसरीनअब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए - तस्लीमा नसरीन

Bangladesh crisis: बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने जो उनके साथ किया, वही आज उनके साथ हो गया। पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के देश से भाग जाने के बाद, तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उस परिस्थिति का जिक्र किया जिसका निर्वासित लेखक को 1999 में सामना करना पड़ा था।

नसरीन ने कहा कि 1999 में जब वह अपनी मरती हुई मां को देखने के लिए बांग्लादेश लौटीं तो हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए उन्हें बांग्लादेश से निकाल दिया और अब, वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन का हिस्सा थे जिन्होंने हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया।

तस्लीमा नसरीन अपने प्रगतिशील लेखन के लिए बांग्लादेशी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं। वह फिलहाल भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उन्होंने  "इस्लामवादियों को बढ़ने" और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पालने-पोसने के लिए शेख हसीना की आलोचना की। उन्होंने बांग्लादेश में सेना शासन के प्रति भी अपना विरोध जताया और लोकतंत्र की वकालत की।

नसरीन ने एक अन्य पोस्ट में कहा, "हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह अपनी स्थिति के लिए जिम्मेदार थीं। उन्होंने इस्लामवादियों को बढ़ने दिया। उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने की इजाजत दी। अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए। सेना को शासन नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लाना चाहिए।'' 

बता दें कि शेख हसीना के सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब सामने आया है कि नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे। आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि प्रोफेसर यूनुस छात्र समुदाय के आह्वान पर देश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं।

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने घोषणा की थी कि संसद को भंग करने के बाद जल्द से जल्द अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का भी आदेश दिया है, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से घर में नजरबंद हैं। नाहिद ने राष्ट्रपति से डॉ. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया।

टॅग्स :बांग्लादेशशेख हसीनापाकिस्तानIslamic State
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