इस्लामी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के 4 सदस्यों को फांसी, प्रोफेसर-लेखक हुमायूं आजाद की सरेआम की थी हत्या
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 13, 2022 18:46 IST2022-04-13T18:25:57+5:302022-04-13T18:46:36+5:30
बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रोफेसर हुमायूं आजाद की साल 2004 में एक पुस्तक-मेले में शिरकत के दौरान हत्या कर दी थी। 56 वर्षीय आजाद की हत्या के दो आरोपी अब भी फरार हैं और एक आरोपी की जेल से भागने की कोशिश के दौरान पुलिस गोलीबारी में मौत हो गयी थी।

इस्लामी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के 4 सदस्यों को फांसी, प्रोफेसर-लेखक हुमायूं आजाद की सरेआम की थी हत्या
ढाका: बाग्लादेश में एक मशहूर लेखक की हत्या में शामिल 4 कट्टरपंथियों को कोर्ट ने बुधवार को मौत की सजा सुनाई। इस मामले में करीब दो दशकों तक सुनवाई हुई, उसके बाद कोर्ट ने सभी चार आरोपियों को हत्या का कसूरवार ठहराते हुए मौत की सजा दी है।
यह घटना साल 2004 के पुस्तक मेले के बाहर उस समय हुई थी जब मशहूर लेखक और प्रोफेसर हुमायूं आजाद मुस्लिम धार्मिक कट्टरपंथियों ने निशाने पर आ गये थे और बहुत ही निर्मम तरीके से उन पर हमला किया गया था।
इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश में फ्री स्पीच की आजाव को बुलंद करने वाले प्रोफेसर आजाद पर हमले की यह पहली वारदात थी, जिसमें कट्टरपंथियों ने इतनी बर्बरतापूर्वक इस तरह से किसी विरोधी को मारने के लिए सरेआम हमला किया था।
कट्टरपंथियों के हमले में घायल हुए 56 साल के आजाद की कुछ महीनों के बाद जर्मनी में इलाज के दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष लोगों ने अपना दुख और विरोध प्रदर्शित किया था।
आजाद की हत्या में शामिल दो आरोपी अब भी फरार हैं, वहीं पांचवा आरोपी साल 2014 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में उस समय मारा गया था, जब वो पुलिस वैन से फरार होने की कोशिश कर रहा था।
इस केस के सरकारी वकील अब्दुल्लाह अबु ने बताया कि कोर्ट ने कुल चार लोगों को आजाद की हत्या में फांसी की सजा दी है, जिसमें से दो अब भी फरार हैं।
इस हत्याकांड को जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकियों ने उस समय अंजाम दिया जब हुमायूं आजाद ने कट्टपंथियों के खिलाफ अपनी किताब में लिखा और उनकी आतंकी गतिविधियों की आलोचना की थी।
जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश वही आकंती संगठन है, जिसने साल 2007 में पूरे देश में कई जगहों पर लगातार बम धमाकों को अंजाम दिया था।